दरअसल, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की वेस्ट बैंक ( West Bank ) के कुछ और हिस्सों पर कब्जा करने की योजना के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। शनिवार को हजारों की संख्या इजरायलियों ने नेतन्याहू के खिलाफ प्रदर्शन किया। हालांकि इस बीच भी प्रदर्शनकारियों ने कोरोना संक्रमण ( Coronavirus ) के खतरे का पूरा ध्यान रखा और फेस मास्क ( Face Mask ) लगाने के साथ शारीरिक दूरी का भी पालन करते हुए शांति के समर्थन में नारे लगाए।
वेस्ट बैंक पर पूरी तरह कब्जा करना चाहता है इजरायल, पीएम बेंजामिन के बयान पर साथी देशों ने किया विरोध
प्रदर्शन के दौरान कई प्रदर्शनकारी फिलिस्तीन ( Palestine ) के झंडे भी लहराते हुए दिखे। यह प्रदर्शन वामपंथी समूहों की ओर से आयोजित की गई थी। बता दें कि इजरायल के इस नीति का आधे से अधिक आबादी समर्थन करती है। अभी हाल ही में एक सर्वेक्षण किया किया गया था, जिसमें ये बाद सामने आई थी की नेतन्याहू की वेस्ट बैंक के हिस्सों पर कब्जा करने की नीति ( Policy of occupying parts of the West Bank ) को जनता का समर्थन मिल रहा है।
दिखाया गया बर्नी सैंडर्स का वीडियो संदेश
बता दें कि प्रदर्शन के दौरान आयोजकों ने अमरीकी डेमोक्रेटिक सीनेटर बर्नी सैंडर्स ( US Democratic Senator Bernie Sanders ) का एक वीडियो संदेश दिखाया। इस वीडियो संदेश में बर्नी सैंडर्स लोगों को संबोधित करते हिए कह रहे हैं कि हम सभी का यह कर्तव्य है कि निरंकुश नेताओं के खिलाफ खड़े हों और उनके खिलाफ लड़ें। हर फिलिस्तीनी और इजरायली नागरिकों के बेहतर व शांतिपूर्ण भविष्य के निर्माण के लिए यह जरूरी है।
अरब देशों ने जताई आपत्ति
गौरतलब है कि 1967 के पश्चिमी एशिया युद्ध के बाद इजरायल ने वेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम और गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया था। हालांकि अभी वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों पर फिलिस्तीन का कब्जा है और फिलिस्तीन ये लगातार दावा करता रहा है कि वेस्ट बैंक उसका हिस्सा है।
बीते दिनों नेतन्याहू ने ये प्लान बनाते हुए घोषणा की थी कि वेस्ट बैंक पर पूरी तरह से कब्जा करने के लिए इजरायल जुलाई में कार्रवाई करेगा। नेतन्याहू ने आगे कहा था कि अब से पहले ऐसा कोई मौका नहीं आया था, लेकिन अब जब ये मौका आया है तो उसे गवांना नहीं है। माना जा रहा है कि नेतन्याहू के इस योजना पर अमरीका का भी साथ मिल सकता है, क्योंकि इस वक्त अमरीका में ट्रंप की सरकार है और ट्रंप व नेतन्याहू के बीच अच्छे संबंध हैं। माना जा रहा है कि उनकी इस योजना को अमेरिका भी हरी झंडी दे सकता है। दूसरी तरफ अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक शांति योजना की पेशकश की थी, लेकिन फिलिस्तीन ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
आपको बता दें कि पीएम नेतन्याहू के इस विस्तारवादी नीति को लेकर अरब देशों के साथ यूरोप और संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जाहिर की है। सभी ने कहा है कि यदि इजरायल किसी तरह से कोई गैरकानूनी कदम उठाता है तो उसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।