नेतन्याहू ने कहा, अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस ने रासायनिक हथियारों के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता का सबूत दिया है और यह दर्शाया है कि यह केवल बयानों तक ही सीमित नहीं है। इजरायल के प्रधानमंत्री ने कहा कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद को यह स्पष्ट ज्ञात होना चाहिए कि जनसंहार करने वाले हथियारों को हासिल करना और उनका प्रयोग करने के उनके गैरजिम्मेदाराना प्रयास निर्दोष जिंदगियों को खतरे में डालते हैं।
इजराइल भी कर चुका है हमला
साल 2017 में इजराइल भी सीरिया की राजधानी दमिश्क के बाहर मिसाइल से हवाई हमला कर चुका है। इजराइल भी अमरीका की तरह सीरिया में रासायनिक हथियारों के खिलाफ आवाज उठाता रहा है। उधर सीरिया का समर्थन रुस और चीन करता रहा है। कुछ ऐसे भी देश हैं जो सीरिया मुद्दे पर अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया है लेकिन रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की खुलकर आलोचना की है।
गृहयुद्ध की आग में जल रहा सीरिया
दरअसल सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के ख़िलाफ कुछ विरोधी संगठन आवाज उठाते रहे हैं। 6 साल पहले हुई राष्ट्रपति के खिलाफ बगावत पूरी तरह से गृहयुद्ध का रुप ले चुकी है। सत्ता की इस लड़ाई में बशर अल-असद को सत्ता से कोई बेदखल तो नहीं कर पाया लेकिन इसमें जरुर करीब तीन लाख से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।