पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान सरकार को लगाई फटकार, कहा-कोरोना से निपटने में बरती लापरवाही राजकुमारी बास्मा का पूरा नाम बास्मा बिंत सउद बिन अब्दुल्लाजिज अल-सउद है। बास्मा एक मुखर मानवाधिकार वकील हैं। बीते महीने उन्होंने ट्वीट कर दावा किया है कि उन्हें बिना किसी आरोप में रियाद स्थित अल-हायर जेल में उनकी 28 वर्षीय बेटी के साथ कैद किया गया है। रॉयल कोर्ट और चाचा किंग सलमान के पास कई बार अर्जी देने के बावजूद उन्हें अभी तक गिरफ्तारी की कोई वजह नहीं बताई गई है।
राजकुमारी बास्मा किंग सउद की सबसे छोटी संतान हैं। उन्होंने खुद को रिहा करने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा है कि उनकी सेहत ठीक नहीं है। ऐसे में उन्हें तुरंत रिहा करना चाहिए। हालांकि, अभी यह नहीं पता चल पाया है कि उन्होंने जेल से ट्वीट कैसे किया है।
उनके परिवार के करीबी दो सूत्रों ने बताया कि सऊदी अरब में किसी के द्वारा ट्वीट हैक किए जाने की यह जानकारी दी थी। एक सूत्र ने कहा कि ट्वीट के बाद से, कोई और अधिक संपर्क में नहीं है।
अल-हैर के अंदर कोरोना वायरस के संभावित प्रकोप पर चिंताओं से परिवार की आशंकाओं को और अधिक बढ़ गया है। ट्वीट से पहले एक साप्ताहिक टेलीफोन कॉल की अनुमति दी, सुहूद ने अपने परिवार को बताया कि जेल अधिकारियों ने अलार्म बजाया था कि सुविधा के अंदर कोरोनो वायरस मामलों का पता चला था।