वहीं एक अन्य ब्रिटिश नागरिक डेविड जोकि सूकर खिलाड़ी हैं, उन्हें एक ट्वीट की वजह से सात महीने जेल की सजा काटनी पड़ी। डेविड ने बताया कि वे किसी काम से दुबई गए थे, इस दौरान उन्हें धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। उसके बाद उन्हें वकील से नहीं मिलने दिया गया और कई महीने जेल में रहना पड़ा। इस दौरान उन्हें ट्विटर पर आपत्तिजनक ट्वीट करने पर फिर से सजा दी गई। उन्होंने कहा कि ट्वीट उन्होंने नहीं किया क्योंकि जेल में उनके पास फोन और इंटरनेट नहीं था। वहीं एक सामाजिक कार्यकर्ता जोकि आस्ट्रेलिया से आकर दुबई में रहते हैं उन्हें सिर्फ इस बात के लिए जेल भेज दिया गया क्योंकि वो अफनिस्तान में ठंड की मार झेल रहे बच्चों के लिए कंबल खरीदने के लिए दान मांग रहे थे। उन्हें इसलिए दोषी ठहराया गया क्योंकि वो मान्यता प्राप्त चैरिटी संस्था का हिस्सा नहीं थे।
दरअसल दुबई में सरिया कानून लागू है। जिस वजह से नियमों को उल्लघंन करने पर तुरंत पर्यटकों को जेल में भेज दिया जाता है। वहां पर बिना लाइसेंस के शराब पीना, किसी गैर महिला या पुरुष के साथ होटल में रुकना जैसे सामान्य काम भी गैरकानूनी हैं। हां अगर आपके साथ होटल में रुपने वाली महिला या पुरुष आपके रिश्तेदार हैं तो आप रुक सकते हैं।
बलात्कार के मामले में ये कैसा कानून?
वहीं बलात्कार और यौन शोषण से जुड़े मामलों में भी वहां अजीब कानून है। अगर कोई पुरुष अपने साथ यौन शोषण या फिर कोई महिला बलात्कार की बात कहती है तो उसे चार लोगों को गवाह के रूप में पेश करना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो पीड़ित को भी आरोपियों के साथ जेल में जांच तक रहना होगा।
वहीं बलात्कार और यौन शोषण से जुड़े मामलों में भी वहां अजीब कानून है। अगर कोई पुरुष अपने साथ यौन शोषण या फिर कोई महिला बलात्कार की बात कहती है तो उसे चार लोगों को गवाह के रूप में पेश करना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो पीड़ित को भी आरोपियों के साथ जेल में जांच तक रहना होगा।