अब जब काफी लंबे समय के बाद यानी तकरीबन साढ़े तीन महीने बाद कुवैत सरकार ( Kuwait Government ) ने अपने देश से ट्रैवल की पाबंदी हटाई है, तो इससे कुछ देशों के नागरिकों के प्रवेश पर पाबंदी जारी रखी है। जिसमें भारत भी शामिल है। ऐसे में भारतीय नागरिकों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई है। यानी कि भारतीय नागरिक कुवैत में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
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बता दें कि कोरोना संकट को देखते हुए कुवैत सरकार ने मार्च के हाद से अंतर्राष्ट्रीय विमानों ( International Flights ) पर पाबंदी लगा दी थी। लेकिन अब एक बार फिर से एक अगस्त से विमान सेवा को शुरू करने का फैसला किया है। लेकिन सबसे बड़ी बात है कि सात देशों के नागरिकों को कुवैत में प्रवेश पर बैन लगा दिया गया है। इनमें भारत ( India ), पाकिस्तान ( Pakistan ), नेपाल ( Nepal ), श्रीलंका ( Srilanka ), ईरान ( Iran ), बांग्लादेश ( Bangladesh ) और फिलीपींस ( Philippines ) शामिल हैं।
भारतीय नागरिकों पर सबसे अधिक प्रभाव
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ( Indian Government ) ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और कहा है कि प्रशासनिक स्तर पर इसे सुलझाने की कोशिश की जा रही है। भारतीय नागिरक उड्डयन मंत्रालय के सचिव और कुवैत डायरेक्टेरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ( Kuwait Directorate General of Civil Aviation ) के बीच परस्पर उड़ानों के समझौतों पर बातचीत जारी है और मंत्रालय ने कहा है कि इस मामले को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाएगा।
वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय को भी इस बारे में जानकारी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि ये टेम्पोरेरी बैन है जो सिर्फ भारत पर नहीं लगाया गया है। बता दें कि कुवैत सरकार के इस फैसले से सबसे अधिक प्रभाव भारतीय नागरिकों पर पड़ेगा। चूंकि कुवैत में सबसे अधिक भारतीय प्रवासी नागरिक रहते हैं।
कुवैत में रहने वाले भारतीयों पर संकट!
आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण ( Corona infection ) के मद्देनजर कुवैत सरकार पहले से ही प्रवासियों को लेकर सख्त नजर आ रहे हैं। कुवैत सरकार एक नया बिल लेकर आई है, जिसमें प्रवासियों की संख्या को 30 फीसदी तक कम करने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में सबसे बड़ी मुश्किल भारतीय नागरिकों पर आई है, क्योंकि कुवैत में करीब 70 फीसदी आबादी प्रवासियों की है, जिसमें सबसे अधिक भारतीय हैं।
Kuwait: अप्रवासी कोटा बिल को मिली मंजूरी, 8 लाख प्रवासी भारतीयों पर देश छोड़ने का खतरा
अब यदि बिल को सरकार की मंजूरी मिल जाती है तो इससे 8 लाख से अधिक भारतीयों को कुवैत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। कुवैत की नेशनल एसेंबली ( Kuwait National Assembly ) की कानूनी समीति ने प्रवासियों पर तैयार हो रहे एक बिल के प्रावधान को विधिसम्मत माना है। इस बिल के मसौदे में ये स्पष्ट कहा गया है कि कुवैत में रहने वाले भारतीयों की संख्या को देश की कुल आबादी के 15 फीसद तक सीमित किया जाना चाहिए।
ऐसे में अब ये माना जा रहा है कि कुवैत में रहने वाले तकरीबन 10 लाख प्रवासी भारतीयों में से आठ या साढ़े आठ लाख लोगों को देश छोड़ना पड़ सकता है। बता दें कि इस नए कानून से भारतीयों के अलावा, पाकिस्तान, फिलीपींस, बांग्लादेश, श्रीलंका और मिस्र के नागरिक भी प्रभावित होंगे। कुवैत की मौजूदा जनसंख्या ( Kuwait Population ) 43 लाख है। इसमें मूल कुवैती नागरिकों की संख्या करीब 13 लाख है जबकि विदेशियों की आबादी 30 लाख है। जिसमें से भारतीयों की संख्या 14.5 लाख है।