रियाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक यात्रा के दौरान भारत और सऊदी अरब ने रविवार को पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें से एक आतंकवाद के वित्तीयन और दूसरा व्यापार संवर्धन पर है। मोदी और सऊदी सुल्तान सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप के मुताबिक, दोनों देशों के वित्तीय खुफिया इकाइयों ने काले धन की हेराफेरी, आतंकवाद वित्तीयन और संबंधित आपराधों से संबंधित खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान में सहयोग पर एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इनवेस्ट इंडिया और सऊदी अरेबियन जनरल इनवेस्टमेंट अथॉरिटी ने निवेश संवर्धन सहयोग पर प्रारूप समझौते पर हस्ताक्षर किए। विदेश मंत्रालय और सऊदी श्रम मंत्रालय ने साधारण श्रेणी के कामगारों की नियुक्ति पर श्रम सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए। हस्तशिल्प में सहयोग के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट और सऊदी कमिशन फॉर टूरिज्म एंड नेशनल हेरीटेज ने कार्यकारी कार्यक्रम से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए। पांचवां समझौता तकनीकी सहयोग कार्यक्रम पर है, जिसपर भारतीय मानक ब्यूरो और सऊदी मानक, मेट्रोलॉजी और गुणवत्ता संगठन ने हस्ताक्षर किए। मोदी ने शेखों को दिया भारत आने का न्यौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सऊदी अरब की अपनी पहली दो दिवसीय यात्रा में वहां के बड़े बिजनस लीडर्स से मुलाकात की और उन्हें भारत में निवेश का न्योता दिया। उन्होंने सऊदी के बिजनस लीडर्स को बताया कि भारत में व्यापार की बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि जहां विश्व आर्थिक संकट से गुजर रहा है वहीं भारत आशा की किरण है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां और वर्ल्ड बैंक सभी ने भारत को सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बताया है। उन्होंने कहा कि भारत में प्रोफेशनल लोग और टैलंट हैं जिसके बेहतर इस्तेमाल के लिए इन्वेस्टमेंट की जरूरत है। उन्होंने इस क्षेत्र में सऊदी अरब की बिजनस कम्यूनिटी से निवेश के लिए आगे आने की अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में जॉइंट वेंचर की बहुत संभावना है। इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड शुरू किया है।