रियाद में एक ट्रोल फार्म किया गया था स्थापित
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इस मामले में और भी कई खुलासे हो रहे हैं। शनिवार को अमरीका की एक स्थानीय रिपोर्ट में कहा गया कि पत्रकार खगोशी और उसके पक्ष में सऊदी की आलोचना करने वालों को परेशान करने के लिए एक ऑनलाइन साइबर आर्मी की स्थापना की गई थी। इस आर्मी का मुख्य उद्देश्य खशोगी और अन्य प्रभावशाली लोग जो सोशल मीडिया पर सऊदी शासन के खिलाफ लिख रहे हैं, उनपर ऑनलाइन हमला कर उन्हें परेशान करना था। बताया जा रहा है कि रियाद में कथित तौर पर एक ट्रोल फार्म स्थापित किया गया था। यही नहीं उन्होंने ट्विटर मौजूद यूजर्स पर नजर बनाए रखने के लिए एक संदिग्ध जासूस को भी तैनात किया था।
प्रतिक्रिया देने से ट्विटर का इनकार
जब इस बारे में ट्विटर से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई तो उन्होंने किसी तरह की टिप्पणी देने से इंकार किया। इसके अलावा वाशिंगटन स्थित सऊदी दूतावास के प्रतिनिधि ने भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बता दें कि सऊदी के अधिकारियों ने शनिवार को पुष्टि की कि वाशिंगटन पोस्ट के कॉलमनिस्ट खशोगी दूतावास में हाथापाई में मारे गए। लेकिन तुर्की के अधिकारियों ने कहा खगोशी की हत्या सऊदी सुरक्षाबलों ने की थी।
पूरी दुनिया में सऊदी अरब की आलोचना
गौरतलब है कि पत्रकार खशोगी की मौत के बाद पूरी दुनिया में सऊदी अरब की खूब आलोचना हो रही है। यूरोपीय संघ ने जांच की मांग करते हुए खशोगी के परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदनाएं भी जताई। साथ ही उन्होंने पत्रकार के काम की भी प्रशंसा की।