scriptसऊदी अरब और यूएई नहीं रहे टैक्स फ्री, इन चीजो पर लगाया वैट | Saudi Arabia and United Arab Emirates introduce VAT | Patrika News

सऊदी अरब और यूएई नहीं रहे टैक्स फ्री, इन चीजो पर लगाया वैट

locationनई दिल्लीPublished: Jan 02, 2018 07:00:52 pm

Submitted by:

Navyavesh Navrahi

वैल्यु एडेड टैक्स के बावजूद यूरोपीय देशों से कम है टैक्स।

saudi arabia
टैक्स फ्री कंट्री के रूप में जाने जाते सउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में टैक्स की नई व्यवस्था शुरू हो गई। 1 जनवरी से इन खाड़ी देशों ने अपने राजस्व में कमी की भरपाई करने के लिए वेल्यु एडेड टैक्स (वैट) लगाना शुरू कर दिया है। वैट के दायरे में कुछ ही चीजों और सेवाओं को लिया गया है। सब पर केवल 5 फीसदी की दर से ही वैट लगेगा।
इन चीजों पर लगेगा 5 फीसदी वैट

जिन वस्तुओं और सेवाओं पर वैट लगाया गया है, उनमें खाने-पीने की चीजें, कपड़े, इलैक्ट्रॉनिक्स का सामान, गैसोलिन के साथ-साथ फोन, पानी-बिजली बिल और होटल में कमरों की बुकिंग आदि शामिल हैं। इन पर पांच फीसदी पर कर लगेगा।
छूट भी रहेगी

उक्त चीजों के अलावा कुछ चीजों में टैक्स की छूट रहेगी। इसमें चिकित्सा, वित्तीय सेवाएं, सार्वजनिक परिवहन, किराया, रियल एस्टेट सेल्स, कुछ दवाइयां, एयरलाइन टिकट्स और स्कूल ट्यूशन आदि को टैक्स फ्री रखा गया है। हालांकि हायर एजुकेशन के लिए यूएई में टैक्स देना पड़ेगा। यूनिफॉर्म, बुक्स, स्कूल बस फीस और लंच के लिए स्कूल को की जाने वाली एक्स्ट्रा पेमेंट पर पैरेंट्स को वैट देना होगा।
अभी भी यूरोप से कम है टैक्स

अगर इस टैक्स की तुलना यूरोपीय देशों के टैक्स से की जाए, तो यह अब भी बहुत कम है। सऊदी अरब और यूएई में केवल 5 प्रतिशत वैट लगाया गया है। जबकि कुछ यूरोपीय देशों में औसतन 20 प्रतिशत वैट लगाया जाता है। यानी यूरोपीय देशों से तुलना की जाए, तो सऊदी अभी भी महंगा नहीं है। बता दें, इन देशों में बड़ी संख्या में विदेशी श्रमिकों को काम मिलता है। एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएई में जीवनयापन अगले साल से वैट के कारण 2.5 प्रतिशत महंगा हो जाएगा जबकि लोगों की सैलरी उतनी ही रहेगी।
3.3 अरब डॉलर आय का अनुमान

संयुक्त अरब अमीरात ने इस साल वैट से करीब 3.3 अरब डॉलर आय का अनुमान लगाया है। शूरा परिषद के सदस्य मोहम्मद अल खुनैजी के अनुसार- वैट से हुई आय को बुनियादी ढांचे और विकास कार्यो पर खर्च किया जाएगा। एक रिपोर्ट के अनुसार- सऊदी अरब को 90 फीसदी से ज्यादा राजस्व तेल उद्योग से मिलता है। जबकि यूएई में यह करीब 80 फीसदी है। दोनों देशों में अभी इनकम टैक्स की कोई योजना नहीं है। बता दें, गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल के अन्य सदस्य- बहरीन, कुवैत, ओमान और कतर भी वैट लागू करने का संकल्प दोहरा चुके हैं। हालांकि कुछ देशों ने इसे 2019 तक टाल दिया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो