2030 तक 30 लाख से अधिक महिलाएं होंगी चालक
सरकार की इस नई पहल के लिए देशभर में तैयारियां चल पहले से चल रही थी। इसके लिए काफी संख्या में लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं। भारी संख्या में महिलाएं लाइसेंस के लिए आवेदन कर चुकी हैं। स्थानीय प्रशासन महिला ड्राइवरों के लिए विशेष व्यवस्था करने में जुटा हुआ है। वहीं पुलिस भी कानून व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए महिलाओं को यातायात के नियम सिखाने में जुअ गई है। महिला ड्राइवरों की कार पार्किंग के लिए खास गुलाबी रंग के पार्किंग स्थल बनाए हैं। यह भी ध्यान रखा गया है कि महिलाओं के लिए पार्किंग स्थल प्रवेश और निकास द्वार के पास ही हों। एक अनुमान के मुताबिक साल 2020 तक सऊदी अरब में 30 लाख से ज्यादा महिलाएं ड्राइवर होंगी।
सरकार की इस नई पहल के लिए देशभर में तैयारियां चल पहले से चल रही थी। इसके लिए काफी संख्या में लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं। भारी संख्या में महिलाएं लाइसेंस के लिए आवेदन कर चुकी हैं। स्थानीय प्रशासन महिला ड्राइवरों के लिए विशेष व्यवस्था करने में जुटा हुआ है। वहीं पुलिस भी कानून व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए महिलाओं को यातायात के नियम सिखाने में जुअ गई है। महिला ड्राइवरों की कार पार्किंग के लिए खास गुलाबी रंग के पार्किंग स्थल बनाए हैं। यह भी ध्यान रखा गया है कि महिलाओं के लिए पार्किंग स्थल प्रवेश और निकास द्वार के पास ही हों। एक अनुमान के मुताबिक साल 2020 तक सऊदी अरब में 30 लाख से ज्यादा महिलाएं ड्राइवर होंगी।
न्यूनतम उम्र 18 साल
सउदी अरब में महिलाएं सिर्फ कार ही नहीं बल्कि वैन, ट्रक और मोटरसाइकिल भी चला सकेंगी। हालांकि निजी वाहन चलाने के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल और सार्वजनिक वाहन के लिए 20 साल उम्र होनी चाहिए। यह कदम कई महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की आवश्यकता के बाधाओं से मुक्त करेगा या यहां तककि छोटी दूरी तक यात्रा करने के लिए पुरुष चालक को किराए पर लेगा, जिससे कई और कर्मचारियों के साथ जुड़ने की इजाजत मिल जाएगी।
सउदी अरब में महिलाएं सिर्फ कार ही नहीं बल्कि वैन, ट्रक और मोटरसाइकिल भी चला सकेंगी। हालांकि निजी वाहन चलाने के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल और सार्वजनिक वाहन के लिए 20 साल उम्र होनी चाहिए। यह कदम कई महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की आवश्यकता के बाधाओं से मुक्त करेगा या यहां तककि छोटी दूरी तक यात्रा करने के लिए पुरुष चालक को किराए पर लेगा, जिससे कई और कर्मचारियों के साथ जुड़ने की इजाजत मिल जाएगी।
संघर्ष का लंबा इतिहास
महिलाओं को वाहन चलाने की आजादी लंबे संघर्ष के बाद मिली है। इस अधिकार को पाने के लिए वहां की महिलाओं ने 28 साल पहले संघर्ष की शुरुआत की थी। उनके इस आंदोलन को पुरुषों के एक तबके का समर्थन मिला था। सबसे पहले 47 महिलाओं ने 1990 में नियम तोड़ते हुए शहर में वाहन चलाए थे। उन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था। सरकार के इस दंडात्मक प्रावधान के खिलाफ महिलाओं से आंदोलन छेड़ दी थी। उसके बाद सउदी अरब की सर्वोच्च धार्मिक संस्था ने अध्यादेश लाकर प्रतिबंध को सख्त कर दिया था। इन प्रतिबंधों को उल्लंघन करने पर महिला सामाजिक कार्यकर्ता मानल अल शरीफ को ड्राइविंग का वीडियो यूट्यूब पर अपलोड करने की वजह से जेल जाना पड़ा। वर्तमान में वह ऑस्ट्रेलिया में रह रही हैं। इसी तरह 2014 में लॉउजैन अल-हथलौल ने यूएई से सऊदी अरब तक ड्राइव करने की कोशिश की, जिसकी वजह से उन्हें 73 दिन तक जेल में रहना पड़ा। 70 साल की कार्यकर्ता अजीजा-अल यूसुफ को भी जेल जाना पड़ा। आपको बता दें कि जब सितंबर, 2017 में मोहम्मद बिन सलमान ने प्रतिबंध को उठाने का निर्णय लिया था। उनके इस निर्णय में कई महिलाओं ने खुशी का इजहार किया था।
महिलाओं को वाहन चलाने की आजादी लंबे संघर्ष के बाद मिली है। इस अधिकार को पाने के लिए वहां की महिलाओं ने 28 साल पहले संघर्ष की शुरुआत की थी। उनके इस आंदोलन को पुरुषों के एक तबके का समर्थन मिला था। सबसे पहले 47 महिलाओं ने 1990 में नियम तोड़ते हुए शहर में वाहन चलाए थे। उन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था। सरकार के इस दंडात्मक प्रावधान के खिलाफ महिलाओं से आंदोलन छेड़ दी थी। उसके बाद सउदी अरब की सर्वोच्च धार्मिक संस्था ने अध्यादेश लाकर प्रतिबंध को सख्त कर दिया था। इन प्रतिबंधों को उल्लंघन करने पर महिला सामाजिक कार्यकर्ता मानल अल शरीफ को ड्राइविंग का वीडियो यूट्यूब पर अपलोड करने की वजह से जेल जाना पड़ा। वर्तमान में वह ऑस्ट्रेलिया में रह रही हैं। इसी तरह 2014 में लॉउजैन अल-हथलौल ने यूएई से सऊदी अरब तक ड्राइव करने की कोशिश की, जिसकी वजह से उन्हें 73 दिन तक जेल में रहना पड़ा। 70 साल की कार्यकर्ता अजीजा-अल यूसुफ को भी जेल जाना पड़ा। आपको बता दें कि जब सितंबर, 2017 में मोहम्मद बिन सलमान ने प्रतिबंध को उठाने का निर्णय लिया था। उनके इस निर्णय में कई महिलाओं ने खुशी का इजहार किया था।