खाड़ी देश

सूडान: जनता की मांग, नई सरकार में अपदस्य नेता अल-बशीर का प्रभाव न पड़े

सरकार को आम नागरिक साथ मिलकर कोई फैसला लेना चाहिए
सेना को इससे काफी दूर रखना चाहिए
पूर्व राष्ट्रपति उमर अल-बशीर का तख्तपलट

Apr 16, 2019 / 03:35 pm

Mohit Saxena

सूडान: जनता की मांग, नई सरकार में अपदस्य नेता अल-बशीर का प्रभाव नहीं पड़े

खार्तूम। सूडान में प्रमुख विरोधी समूह ने देश की नई सत्तारूढ़ सैन्य परिषद को बदलने के लिए नागरिक-नेतृत्व वाली सरकार के तत्काल गठन की मांग की है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि नई सरकार ऐसी हो जिसपर अपदस्य नेता उमर अल-बशीर का प्रभाव नहीं पड़े। सूडानी प्रोफेशनल्स एसोसिएशन (एसपीए) ने सोमवार को सैन्य परिषद को भंग करने और एक नागरिक द्वारा प्रतिस्थापित करने के लिए अपनी पुकार दोहराई, जिसमें सेना का प्रतिनिधित्व न के बराबर होगा। समूह का कहना है कि सरकार को आम नागरिक साथ मिलकर कोई फैसला लेना चाहिए। इसके लिए सेना को दूर रखना चाहिए। गौरतलब है कि सूडान में पूर्व राष्ट्रपति उमर अल-बशीर के तख्तपलट के बाद देश कई संकटों का सामना कर रहा है।
देश के राजनीतिक हालात में अनिश्चितता बनी हुई

हालांकि बशीर के जाने को एक आम सहमति मिली हुई है लेकिन सेना के सत्ता पर काबिज होने के बाद देश के राजनीतिक हालात में अनिश्चितता बनी हुई है। उमर अल-बशीर के 30 साल के शासन के खत्म होने से पहले सूडान में लगभग चार महीने तक जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए। लेकिन अल-बशीर के बाद आई नई सत्ता के खिलाफ खड़े होने में प्रदर्शनकारियों को 24 घंटे से भी का वक्त लगा। शुक्रवार की शाम को जनरल इब्न औफ ने लेफ्टिनेंट जनरल अब्देलफतह अल-बुरहान को देश की सत्ताधारी सैन्य परिषद का नेतृत्व करने के लिए नामित किया। बता दें कि एक दिन पहले ही जनरल इब्न औफ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
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