बताया जा रहा है कि ये दोनों ही टावर चार साल बाद यानी 2020 तक बनकर तैयार हो जाएंगे। इन इमारतों में से एक की ऊंचाई 1 किलोमीटर से अधिक है, जबकि बुर्ज खलीफा की ऊंचाई 830 मीटर है। बुर्ज खलीफा को टक्कर देने वाले पहला टावर दुबई में ही निर्माणाधीन क्रीक हार्बर का ‘द टावर’ है। इसका निर्माण शुरू हो चुका है, जिसे 938 मीटर बनाने की योजना है। एमार द्वारा बनाए जा रहे इस बिल्डिंग के निर्माण में करीब 65 अरब का खर्च आएगा। इस टावर में 360 डिग्री यानी चारों तरफ का सीन देखने वाला ऑब्जर्वेशन सेंटर भी बनाया जाएगा। इसके ऊंची मंजिलों रहने घर और होटल के साथ-साथ बगीचे भी होंगे।
जेदाह टावर की कुल ऊंचाई एक किलोमीटर
हालांकि इसे सबसे ऊंची इमारत का खिताब तभी मिल सकता है, अगर इसका निर्माण सऊदी अरब में बन रहे ‘जेदाह टावर’ से पहले पूरा हो जाएगा। दरअसल जेदाह टावर की कुल ऊंचाई एक किलोमीटर आठ मीटर है, यानी ‘द टावर’ से करीब 72 मीटर ऊंचा है। इस टावर का निर्माण 2013 में हो शुरु हो चुका है तब उसका नाम ‘किंगडम टावर’ रखा गया था। इसके 2020 तक बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है। पहले योजना थी कि ये टावर 2018 में बनकर तैयार हो जाएगा, लेकिन अब इसके दो साल की देरी से बनकर तैयार होने की उम्मीद है।
बुर्ज खलीफा को बनने में लगा था 5 साल का वक्त
गौरतलब है कि वर्तमान में दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग बुर्ज खलीफा को बनने में 5 साल का वक्त लगा था। इसका निर्माण जनवरी 2004 में शुरू हुआ था और अक्टूबर 2009 में ये पूरी तरह बनकर तैयार हो गया था। हालांकि इसे आज के ही दिन 4 जनवरी 2010 को आधिकारिक रूप से खोला गया था।