आपको बता दें कि कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) को कई देश आतंकी समूह की संज्ञा देते हैं। अंकारा और कई पश्चिमी देशों द्वारा “आतंकवादी संगठन” माने जाने वाला पीकेके खाड़ी देशों के कुर्द अल्पसंख्यकों के लिए स्वायत्तता की मांग करता है। पीकेके ने तीन दशकों से अधिक समय तक तुर्की राज्य का मुकाबला किया है। इस संघर्ष में अब तक हजारों लोग मारे गए हैं। यह समूह तुर्की और उत्तरी इराक में अपने बैनर के तहत काम करता है, और सीरिया में पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स के रूप में। आपको बता दें कि पीकेके और अंकारा के बीच शांति वार्ता 2015 में बंद हो गई थी। अंकारा ने रूस के साथ-साथ सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के मुख्य समर्थक ईरान को भी कुर्दों के खिलाफ कार्रवाई को राजी कर लिया है।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर.