समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यूएन के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शनिवार को एक बयान में कहा कि महामहिम सुल्तान काबूस बिन सईद के निधन पर महासचिव ने रॉयल फैमिली, सरकार और ओमान की जनता के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।
ओमान के सुल्तान का 79 वर्ष की उम्र में निधन, तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा
बयान में सुल्तान के नेतृत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा ‘ काबूस ने 50 सालों तक ओमान का प्रतिनिधित्व किया और उन्होंने ओमान को एक समृद्ध और शांत देश बनाने की कोशिश की।’
उन्होंने कहा कि वे क्षेत्र में तथा वैश्विक रूप से शांति, समझ और सहअस्तित्व के संदेश फैलाने के लिए प्रतिबद्ध थे, जिससे उन्हें उनकी जनता से तथा क्षेत्र की जनता तथा उससे भी बाहर लोगों से सम्मान मिला।
बयान के अनुसार, गुटेरेस ने ‘क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रणनीति के क्षेत्र में सुल्तान के स्थाई योगदान को श्रद्धांजलि दी।’ ओमान के सुल्तान काबूस बिन सईद का शुक्रवार सुबह 79 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया था।
शुक्रवार को काबूस का हुआ था निधन
आपको बता दें कि शुक्रवार को सुल्तान काबूस का निधन हो गया था। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, ओमान की आधिकारिक एजेंसी ओएनए ने शनिवार तड़के एक संक्षिप्त संदेश में बिना विस्तृत जानकारी दिए सुल्तान के निधन का समाचार सुनाया। सुल्तान बेल्जियम में इलाज कराकर पिछले महीने यहां लौटे थे।
बयान में कहा गया कि, ‘बड़े दुख के साथ.. शाही दरबार महामहिम सुल्तान काबूस बिन सईद के निधन पर दुख व्यक्त करता है, जिनका शुक्रवार को निधन हो गया।’ सुल्तान के निधन पर ओमान में तीन दिन का शोक रखा गया है और इस दौरान निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र के सभी कार्यालय बंद रहेंगे। इसके अलावा देश का राष्ट्रीय झंडा 40 दिनों तक झुका रहेगा।
1970 में गद्दी पर बैठे थे काबूस
बता दें कि दिवंगत सुल्तान काबूस वर्ष 1970 में गद्दी पर बैठे, जिसके बाद उन्होंने कई अहम समाजिक बदलाव पर जोर दिया। उन्होंने सबसे पहले शिक्षा पर बहुत जोर दिया। साल 1975 तक 214 स्कूल हो गए थे और 1982 में काबूस नामक पहला विश्वविद्यालय उन्होंने स्थापित किया।
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इसके अलावा उन्होंने स्वतंत्र, आधुनिक स्वास्थ्य तंत्र स्थापित किया, जिसमें डॉक्टरों की संख्या तब के 150 से अब 3,500 हो गई है, जिससे जीवन प्रत्याशा और शिशु जन्म दर में खासा सुधार हुआ है।
ओमान में सुल्तान ही सर्वोच्च निर्णयकर्ता होता है, जो प्रधानमंत्री तथा सैन्य बलों का सर्वोच्च कमांडर होता है। इसके अलावा उसके पास रक्षा, वित्त और विदेश मंत्रालय भी होता है।
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