यूएन न्यूज के अनुसार 22 वर्षीय महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में सितंबर में हुई मौत से पैदा हुए संकट के जवाब में एक विशेष सत्र में काउंसिल की बैठक में टर्क को ‘उन लोगों की मानसिकता’ की आलोचना करते सुना गया जिनके पास ईरान में ‘शक्ति है’। उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘बल का अनावश्यक और अनुपातहीन उपयोग’ समाप्त होना चाहिए।
यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने विशेष सत्र में कहा, ‘देश में जो कुछ हो रहा है, उसे देखकर मुझे बहुत तकलीफ होती है। बच्चों के मारे जाने की तस्वीरें। रास्तों-सड़कों पर महिलाओं को पीटे जाने की तस्वीरें। लोगों को मौत की सजा देने की तस्वीरें। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स और बसिज बलों ने विरोध के खिलाफ लाइव गोला-बारूद, बर्डशॉट और अन्य धातु की गोलियों, आंसूगैस और डंडों का इस्तेमाल किया है।
ईरान में मानवाधिकार स्थिति पर विशेष रैपोर्टेयर जावेद रहमान (Javaid Rahman) ने भी यूएन मानवाधिकार परिषद के इस 35वें सत्र को सम्बोधित करते हुए बताया कि कि प्रदर्शनकारियों की आवाजों को दबाने के प्रयास बीते सप्ताह के दौरान और ज्यादा हो गए हैं, जिनमें बच्चों के विरुद्ध कार्रवाई भी शामिल है। बीते सप्ताह 60 से 70 लोग मारे गए हैं जिनमें पांच बच्चे भी हैं।
क्योंकि यह 150 शहरों और ईरान के सभी विश्वविद्यालयों में फैल गया है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की नवीनतम जानकारी के अनुसार, हिजाब ठीक से नहीं पहनने के कारण 13 सितंबर को ईरान की तथाकथित नैतिकता पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद महसा अमिनी (Mahsa Amini) की मौत के बाद से विरोध प्रदर्शनों में 300 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें कम से कम 40 बच्चे शामिल हैं।