सना: यमन में अप्रैल में हैजा महामारी का पता चलने के बाद से इस रोग से मरने वालों की संख्या 1,992 तक पहुंच गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, संगठन ने शनिवार को एक बयान में कहा कि 27 अप्रैल के बाद से हैजा के 4,19,804 संदिग्ध मामले सामने आए हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, हज्जाह प्रांत और लाल सागर बंदरगाह शहर होदयदा में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। प्रतिदिन 5000 लोग चमेट में बयान में कहा गया कि महामारी प्रति दिन 5,000 लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति ने यमन में हैजा के संदिग्ध मामलों के 2017 के अंत तक 6,00,000 तक पहुंचने की आशंका जताई है। यमन के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवीय समन्वयक जेमी मैकगॉल्ड्रिक ने कहा कि हैजे का प्रकोप पूरी तरह से मानव निर्मित है और यह संघर्ष के परिणामस्वरूप सामने आया है। दो सालों से युद्ध से प्रभावित यमन की कुल दो तिहाई जनसंख्या यानि करीब 1.9 करोड़ लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है। यमन में बुनियादी सुविधाओं की स्थिति बेहद खराब लगभग 1.3 करोड़ लोग भुखमरी के जोखिम की चपेट में हैं और 1.45 करोड़ लोग पीने के स्वच्छ पानी की पहुंच से बाहर हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुमान के मुताबिक, देश में 45 प्रतिशत से भी कम अस्पताल संचालित हो रहे हैं और यह भी दवाइयों, चिकित्सा उपकरणों और कर्मचारियों की कमी जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।