scriptSPECIAL REPORT : खाड़ी देशों में मैथ्यू जैसे लाखों भारतीयों की क्यों गई नौकरी | Why millions of Indians like Matthew lost jobs in Gulf countries | Patrika News

SPECIAL REPORT : खाड़ी देशों में मैथ्यू जैसे लाखों भारतीयों की क्यों गई नौकरी

locationजयपुरPublished: May 24, 2020 07:28:23 pm

Submitted by:

Ramesh Singh

एयर इंडिया के विमान पर जब 39 वर्षीय शिबू मैथ्यू सीढिय़ां चढ़ रहे थे तो वह बढ़ते कदमों के साथ भविष्य को लेकर चिंता में थे। करीब 12 साल बाद कोरोना संकट की वजह से आबूधाबी से 7 मई को स्वदेश लौट रहे थे। उसी दौरान मलयाली महिलाएं केरल से संयुक्त अरब अमीरात की ओर उड़ान भर रही थीं। यूएई ने केरल से डॉक्टरों और नर्सों सहित 88 स्वास्थ्य कर्मचारियों को एयरलिफ्ट किया था। क्योंकि केरल की नर्सों सबसे ज्यादा मांग रहती है।

SPECIAL REPORT

आबूधाबी. मैथ्यू खाड़ी देश में एक तेल कंपनी में नौकरी करते थे। 50 लाख का लोन भी है। कोरोना महामारी और तेल कीमतों में गिरावट की वजह से कंपनी ने 300 प्रवासी भारतीयों को नौकरी से निकाल दिया। इसके बाद उन्होंने पुराने संपर्कों के आधार पर नौकरी की तलाश की, बातचीत के बाद नई नौकरी का ऑफर मिला लेकिन इसी दौरान लॉकडाउन की वजह से कंपनी ने ज्वाइन कराने से मना कर दिया। इसके बाद कई और प्रयास किए लेकिन कोरोना संक्रमण बढऩे से स्थितियां और बिगडऩे लगीं तो स्वदेश वापसी का फैसला किया। अब उन्हें रोजगार की तलाश है।

खाड़ी देशों में हर चौथा व्यक्ति केरल से
मैथ्यू जैसे अप्रवासी भारतीयों की कुछ ऐसी ही कहानी है। एक आंकड़े के अनुसार केरल के पांच से 10 लाख लोग खाड़ी देशों संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कतर, बहरीन, ओमान और कुवैत में रहते हैं। हर पांचवें घर से एक व्यक्ति खाड़ी देशों में रहता है। इसी तरह खाड़ी देशों में रह रहा हर चौथा भारतीय केरल का है।

राज्य की आय की एक तिहाई राशि
खाड़ी देशों मे रह रहे अप्रवासी नियमित घर पर पैसा भेजते थे। एक आंकड़े के अनुसार वहां से साल 2019 में एक ट्रिलियन यानी दस खरब रुपए भेजे गए जो राज्य की की कुल आय का करीब एक तिहाई था। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा असर होगा। इससे सवाल उठने लगे हैं कि क्या कोरोना वायरस भी 2008 में कुवैत युद्ध की तरह लंबे समय के लिए आर्थिक मंदी दे जाएगा।

इन देशों में खुल सकते हैं विकल्प
केरल के योजना बोर्ड के सदस्य व अर्थशास्त्री आर. रामकुमार ने कहा कि केरल की वित्तीय स्थिति पहले से खराब है। हमें देखना होगा कि कि जो अप्रवासी भारतीय लौटे हैं उनके पास किस तरह का कौशल है। उसका उपयोग हम कैसे कर सकते हैं। सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज के एस इरुदया राजन ने कहा कि सिंगापुर, मलेशिया जैसे देशों में नए विकल्प खुलेंगे।

राज्य में बढ़ सकते हैं संक्रमित
सिर्फ संयुक्त अरब अमीरात में 26898 केस मिल चुके हैं। रोजाना 500 नए मामले दर्ज हो रहे हैं। इससे खाड़ी देशों से लौट रहे भारतीयों से राज्य में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो