आरोन के बरवटपुरा निवासी सत्तार खान अपनी 11 साल की बच्ची सना को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आरोन पर लाया। जहां ड्यूटी डॉक्टर ने लड़की की मां शहनाज़ को दवा की एक पर्ची लिखकर दी। वह उक्त पर्ची को लेकर नजदीक स्थित मेडीकल स्टोर पर गई और दवा लाकर डॉक्टर को दे दी।
इसके बाद डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाने के लिए नर्स से कह दिया और गोलियां स्वयं डॉक्टर ने ही खिलार्र्ई। कुछ देर बाद बच्ची की हालत बिगड़ गई और मौत हो गई। यह देखते ही बच्ची के परिजन सकते में आ गए और डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में हंगामा कर दिया। परिजनों का कहना था कि दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मामला बिगड़ता देख डॉक्टर ने पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने परिजनों की गुहार सुनी और उनके कहे अनुसार मामला दर्ज कर लिया। जिसके बाद ही बच्ची का पीएम हो सका।
पूर्व में चुकी हैं घटनाएं
आरोन में बीते 6 माह में आधा दर्जन घटनाएं ऐसी हो चुकी हैं जिनमें मरीज की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा मचाया है। ड्यूटी डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप भी लगाया गया है।
यह बोले जिम्मेदार
परिजनों द्वारा लगाए गए चिकित्सकीय लापरवाही के आरोप गलत हैं। बच्ची की हालत पहले से ही बिगड़ी हुई थी। हमने बस उसे कुछ समय के लिए देखा ही था कि उसकी मौत हो गई। न तो हमने बाहर से दवा मंगवाई है और न ही इंजेक्शन लगाया। बच्ची का पीएम कराने के लिए पुलिस की जरूर मदद ली थी।
डॉ. रामलखन पिप्पल, बीएमओ