बयान की सीडी एवं पीडि़ता की सलवार पर आरोपी की डीएनए प्रोफाइल ने आरोपी को दिलाई सजा
गुनाPublished: Jan 23, 2022 01:07:12 pm
बालिका से गलत काम करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावासपीडि़ता सहित परिवार वाले बयान से पलटेयहां तक कि पीडि़ता ने आरोपी को पहचानने से तक कर दिया था इंकार
बयान की सीडी एवं पीडि़ता की सलवार पर आरोपी की डीएनए प्रोफाइल ने आरोपी को दिलाई सजा
गुना। पोक्सो न्यायालय गुना ने बालिका के साथ गलत काम करने वाले आरोपी बृजेश बंजारा को विभिन्न धाराओं में 20,20 वर्ष एवं 3,3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं जुर्माने से दण्डित किया है।
पैरवीकर्ता जिला अभियोजन अधिकारी गुना ने बताया कि 18 नवंबर 2020 को रात करीब 11 बजे बालिका दैलान में खटिया पर सो रही थी, तभी आरोपी बृजेश बंजारा दैलान में घुस गया और अभियोक्त्री को उठाकर अपने साथ ले जाने लगा। वह चिल्लाई तो आरोपी ने बालिका का मुंह दबा लिया और मारकर फेंकने की धमकी दी। आरोपी ने नाबालिग के साथ गलत काम किया।
उक्त रिपोर्ट पर से धारा 450,363,376,506 भादवि एवं धारा 3/4 पोक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया। जिसके उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुए पीडिता एवं उसके परिवार के लोगों के पक्ष विरोधी होने के बावजूद भी पीडि़ता के धारा 164 द.प्र.स. के कथन एवं पीडिता द्वारा पुलिस को दिए गए बयान की सीडी एवं डीएनए में आयी पीडिता की सलवार पर आरोपी की डीएनए प्रोफाइल के आधार पर दोष सिद्ध किया गया।
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फैसले में विशेष जज ने की गंभीर टिप्पणी
नाबालिग से रेप के मामले में आरोपी किस तरह दोष सिद्ध हुआ है। इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि अदालत में सुनवाई के दौरान पीडि़ता, माता-पिता तथा मामा-मामी सभी अपने बयानों से मुकर गए थे। डीएनए रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने सजा सुनाई है। मामले की सुनवाई करते हुए विशेष जज वर्षा शर्मा ने गंभीर टिप्पणी भी की है। फैसले में उन्होंने लिखा है कि गवाहों के बयानों से मुकर जाने के कारण न्याय व्यवस्था का मजाक नहीं बनाया जा सकता। न्यायालय ने पूर्व के एक फैसले को कोट करते हुए गंभीर टिप्पणी की। कोर्ट ने आरोपी ब्रजेश बंजारा को दो धाराओं में 20-20 वर्ष की सजा और दो धाराओं में 3-3 वर्ष की सजा सुनाई है।