यह तथ्य सामने आया है कि पूरे देश में 3 जिलों में धनिया का प्रमुखतः से उत्पादन होता है। इनमें गुना प्रथम, रामगंज मंडी राजस्थान द्वितीय और गोंडल गुजरात तृतीय क्रम पर है। गुना जिले के प्रमुख धनिया उत्पादक क्षेत्र कुंभराज, बमोरी, चांचौडा, मधुसूदनगढ, छोटा धनिया एवं मोटा धनिया दो प्रकार का धनिया पैदा होता है। गुना जिले का छोटा धनिया खुशबूदार होता है। इसकी महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली में भारी मांग रहती है।
मोटा धनिया मुख्यतः धनिया की दाल (मुखवास) निर्माण में उपयोग होता है। गुना जिले में चार इकाईयां धनियादाल का निर्माण करती हैं। इनकी क्षमता लगभग 1200 एमटी प्रतिवर्ष है। धनियादाल का निर्यात गुजरात एवं महाराष्ट्र में होता है। जिले में धनिया क्लीनिंग एवं धनिया पावडर की छोटी-बडी लगभग 100 इकाईयां कार्यरत हैं। जिनमें 12 करोड का स्थाई पूंजी विनियोजन होकर लगभग 1500 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है। ये इकाई लगभग 10 हजार एमटी धनिया की प्रोसेसिंग कर रही हैं। इनमें एक इकाई मेसर्स पीसी कन्नन एंड कंपनी जो कि स्पाइसेस पार्क, ग्राम मावन तहसील गुना में स्थापित है।
गुना जिले में 5 धनिया प्रोसेसिंग इकाइयों ने वर्ष 2020-2021 में उत्पादन प्रारंभ कर दिया है। जिनमें 156 5 लाख का पूंजी विनियोजजन हुआ है। जिनमें लगभग 125 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से नवीन रोजगार प्राप्त होगा। गुना जिले में धनिया एवं धनिया उत्पाद की ब्रांडिंग एवं सार्टिंग कर गुना जिले के उद्यमियों एवं कृषकों का लाभ पहुंचाया जा रहा है।
1500 लोगों को मिल रहा रोजगार
जिला रोजगार अधिकारी बीएस मीना ने बताया कि एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत जिले में 100 इकाइयां धनिया प्रोसेसिंग एवं धनिया पाउडर निर्माण भी कार्यरत हैं। इनमें12 करोड़ की पूंजी विनियोजन है। इन इकाइयों से करीब 1500 लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है।