जिसके चलते नगर पालिका में समीक्षा बैठक के दौरान कलेक्टर ने अफसर और कर्मचारियों को फटकार लगाई। इसके बाद कलेक्टर ने रिकॉर्ड खंगाले तो सामने आया कि नपा में स्वीकृत पदों से डेढ़ गुना अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। यह देख उन्होंने पिछले तीन सालों में नियम विरुद्ध भर्तियों की जांच के आदेश भी जारी करते हुए सीएमओ को भी नोटिस जारी कर दिया है।
कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार नपा में प्रशासक बनने के बाद लगातार कार्रवाई कर रहे है। इसी के तहत उन्होंने जब बुधवार को नपा परिषद में बैठक ली तो सामने आया कि नपा की शहर में करीब एक हजार से अधिक दुकानें है, लेकिन अधिकतर आवंटित दुकानों का प्रीमियम (कि श्त) दुकानदारों ने जमा नहीं की है, उन दुकानों को निरस्त करने के भी आदेश जारी कर दिए है।
साथ ही कलेक्टर ने बैठक में कहा कि नपा में अफसर और कर्मचारियों के बीच कार्यविभाजन नहीं कि या गया है, जो कि गलत है। इसके चलते उन्होंने कार्यविभाजन की जिम्मेदारी डिप्टी कलेक्टर सोनम जैन को सौंप दी है।
कलेक्टर ने बैठक के दौरान कर्मचारियों से पूछा कि सीएमओ संजय श्रीवास्तव कहा है, तो कर्मचारियों ने चुप्पी साध ली। उसके बाद कलेक्टर ने सीएमओ को मोबाइल लगाकर फटकार भी लगाई है। उधर कलेक्टर ने कहा कि सीएमओ निरंतर गैरहाजिर चल रहे थे, जिसकी वजह से उनको कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।
कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने नपा में संविदा पर पदस्थ कर्मचारियों का रिकॉर्ड खंगाला तो सामने आया कि पिछले तीन सालों में नियम के विरुद्ध कर्मचारियों की भर्ती की गई है। सबसे अहम बात तो यह है कि नपा प्रशासन ने कुशल और अकुशल कर्मचारियों के वेतन भी मनमाफिक तरीके से बढ़ा दिए है।
कलेक्टर ने तीन साल के भीतर जिन कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है, इस मामले में जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए है। साथ ही नपा दफ्तर में एक भृत्य पिछले कई समय से दफ्तर नहीं आ रहा था, उसकी सेवा समाप्त करने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए है। साथ ही नपा की दुकानों की एक साथ ही जल्द लीज की प्रक्रिया की जाएगी।
इसके पीछे की वजह यह है कि कलेक्टर के पास शिकायत पहुंची थी कि इस प्रक्रिया के दौरान दुकानदारों से लेनदेन भी होता है। कलेक्टर की सख्ती के बाद नपा प्रशासन के कर्मचारियों में हडकंप मचा हुआ है। साथ ही उन्होंने बुधवार को सफाई व्यवस्था सहित निर्माण कार्यों को लेकर भी समीक्षा की है। उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाया जाएगा।