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एविल की एक शीशी से बनाते थे 5 इंजेक्शन

locationगुनाPublished: Aug 04, 2019 10:29:10 pm

Submitted by:

brajesh tiwari

शहर में नशे का कारोबार खूब फल फूल रहा है। इसमें कई केमिस्ट भी मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। 10 रुपए की एविल की एक शीशी 60 से 100 रुपए में बेची जा रही है। इतना ही नहीं एक शीशी के 5 इंजेक्शन बनाकर भी मोटा मुनाफा कमाकर युवाओं को नशे के गर्त में धकेल रहे थे।

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एविल की एक शीशी से बनाते थे 5 इंजेक्शन

गुना. शहर में नशे का कारोबार खूब फल फूल रहा है। इसमें कई केमिस्ट भी मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। 10 रुपए की एविल की एक शीशी 60 से 100 रुपए में बेची जा रही है। इतना ही नहीं एक शीशी के 5 इंजेक्शन बनाकर भी मोटा मुनाफा कमाकर युवाओं को नशे के गर्त में धकेल रहे थे। यह खुलासा प्रशासन की कार्रवाई से हुआ है। खास बात ये है कि कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार मिलावटखोरों पर रासुका और जिला बदर करने की तैयारी में लगे हुए हैं,ं लेकिन उनके ही अधीनस्थ फूड विभाग के एक-दो अफसर पिछले दिनों लिए सेंपल को फेल न बताकर पास कराने की जुगत में लगे हुए हैं। हाट रोड स्थित एक नामी-गिरामी डेयरी से सेंपल तो लिए। लेकिन उस पर कोई कार्रवाई न किया जाना प्रशासनिक टीम पर संदेह के घेरे में खड़ा कर रहा है। उधर, शनिवार को देर शाम एसडीएम के नेतृत्व में एक टीम ने दो मेडिकल स्टोर्स पर छापा मारे। इसमें संजय मेडिकल स्टोर पर 5 हजार एविल इंजेक्शन का रिकार्ड नहीं मिला। प्रशासन ने मेडिकल को सील कर दिया। इसी तरह अनिल मेडिकल पर भी देर शाम जांच जारी रही, यहां भी टीम को बिल और जिसके नाम पर लायसेंस था, वह मेडिकल पर नहीं मिला। कार्रवाई करने केस तैयार हो रहा है।
कप सिरप का भी बढ़ा कारोबार:

उधर, नशे के लिए शहर में एविल इंजेक्शन के अलावा कप सिरप का भी व्यापक स्तर पर कारोबार हो रहा है। पहले कोडीन नाम की शीशी की बिक्री बढ़ी, जिसे कंपनी ने बंद कर दिया है। इसी तरह कोरेक्स भी बंद कर दिया है। अब इनके विकल्प में बाजार में आईं सिरप का इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा एल्ट्रोजोलम नाम की टेबलेट का भी लोग नशे के रूप में उपयोग कर रहे हैं। कई दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध भी लगा दिया है। इसके बाद भी बिना पर्चे के दवाओं की बिक्री हो रही है। इस पर अंकुश नहीं लगा है।
मेडिकल संचालकों में हडकंप, जुटाए दस्तावेज:

उधर, मेडिकल संचालकों में प्रशासन की कार्रवाई से हड़कंप है। अब तक ड्रग इंस्पेक्टर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करते आ रहे थे। मापदंडों के अनुसार भी मेडिकल नहीं चल रही हैं, इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। प्रशासन की स ती के बाद रविवार को कई मेडिकल बंद रही, लेकिन उनके अंदर काम जारी रहा। कुछ लोगों ने एक्सपायरी डेट की दवाओं को छांटा तो किसी ने बिल एकत्रित किए। कई लोग बिक्री के बिल भी तैयार करने में जुटे रहे।
दो सदस्यता निरस्त


उधर, केमिस्ट एसोसिएशन ने बोर्ड की बैठक रखी। इसमें प्रशासन की कार्रवाई को सही ठहराया। बैठक में निर्णय लेकर संजय मेडिकल स्टोर और इसे माल देने वाले कांसल मेडिकल की सदस्तय निरस्त कर दी। इसके अलावा कोई व्यापारी इनसे लेनदेन भी नहीं करेगा।
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