पहले दिन काफी कम संख्या में स्कूल पहुंचे विद्यार्थी
गुनाPublished: Jul 28, 2021 01:12:12 am
शिक्षक बोले, उन्हीं बच्चों को क्लास में बिठाया जिनके पालकों ने अनुमति दी
पहले दिन काफी कम संख्या में स्कूल पहुंचे विद्यार्थी
गुना। सोमवार को जिले के सरकारी व निजी स्कूलों में कक्षा 12 वीं की नियमित कक्षाएं संचालित हुईं। लेकिन बच्चों की संख्या काफी कम रही। प्रबंधन का कहना था कि धीरे-धीरे बच्चों को स्कूल खुलने की जानकारी लग रही है। वहीं आम मौसम भी ठीक नहीं रहा। सुबह से ही बारिश का दौर चलता रहा, इसी वजह से बच्चों की संख्या कम रही है। वहीं क्लास में उन्हीं बच्चों को बिठाया जा रहा है जिनके पालकों ने अनुमति दी है। सोमवार को स्कूल पहुंचे बच्चों को सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए क्लास में बिठाया गया।
शहर के अधिकांश स्कूलों में पहले दिन बहुत ही कम उपस्थिति रही, लेकिन जो बच्चे स्कूल आए उनका कहना था कि अब कक्षाएं नियमित लगना चाहिए। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने फिलहाल कक्षा 11वीं और 12वीं में 50 फीसद उपस्थिति के साथ कक्षाएं शुरू करने के निर्देश दिए थे। जिसके तहत सोमवार से कक्षाएं शुरू हो गई हैं। पहले ही दिन सुबह से रिमझिम बारिश और सावन का पहला सोमवार होने के कारण स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति बहुत कम रही। इस दौरान छात्रों को कक्षाएं शुरू होने की जानकारी मैसेज एवं व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से भी दी गई थी। इस संबंध में प्राचार्यो का कहना है कि आज पहला दिन और बारिश होने के कारण उपस्थिति कम रही है।
बच्चों से मांगे अभिभावकों के सहमति पत्र
पहले दिन स्कूल पहुंचे अनेक विद्यार्थी अभिभावकों की सहमति पत्र लेकर भी नहीं पहुंचे। जिसके चलते स्कूल प्राचार्य ने उन्हें अपने अभिभावकों से सहमति पत्र लेकर आने के निर्देश दिए। कुछ स्कूलों में छपे हुए सहमति पत्र विद्यार्थियों को दिए गए हैं, जो अपने अभिभावकों से भरवा कर स्कूलों में जमा कराएंगे।
अब हमारी पढ़ाई प्रभावित न हो
लंबे समय बाद स्कूल पहुंचे विद्यार्थियों का कहना था कि अब जब सब कुछ सामान्य हो गया है तो स्कूलों में भी पढ़ाई व्यवस्थित शुरू कर देना चाहिए। हायर सेकेंडरी स्कूल क्रमांक 2 के छात्र का कहना था कि अब कक्षाएं नियमित लगना चाहिए। प्रयास यह होना चाहिए कि कोर्स पूरा करने के लिए अतिरिक्त कक्षाओं की जरूरत न पड़े। अभिभावकों का कहना था कि स्कूल में अध्यापन कार्य कराने वाले स्टाफ का पहले वैक्सीनेशन होना चाहिए, ताकि बच्चे भी सुरक्षित रह सकें।