जिले में 12 प्राईमरी व 58 मिडिल स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं है। यानी 70 स्कूल बिना किसी शिक्षक के संचालित हो रहे हैं। वहीं 257 स्कूल ऐसे हैं, जहां केवल एक शिक्षक ही पदस्थ है। इनमें 87 प्राईमरी व 170 मिडिल स्कूल शामिल हैं। इसके अलावा कई स्कूल ऐसे हैं, जहांं छात्र अनुपात में शिक्षकों की संख्या कम है। विभाग ने एक शाला परिसर के नाम पर करीब 411 स्कूलों को दूसरे स्कूलों में मर्ज कर दिया है, इसके बाद भी विभाग ऐसे स्कूलों पर ध्यान नहीं दे रहा है। इसके अलावा कई स्कूलों में बच्चों की संख्या काफी कम है। जबकि शिक्षा विभाग में बच्चों की संख्या बढ़ाने स्कूल चले हम, प्रवेश उत्सव, साइकिल वितरण, गणवेश और पाठ्य पुस्तक मुफ्त में मिलती हैं, इसके बाद भी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास नहीं हो रहे हैं। ये अभियान कागजों में संचालित हो रहे हैं, लेकिन अब तक विभाग ने ऐसे शिक्षकों पर कोई कार्रवाई भी नहीं की।
प्रधानमंत्री आवासों का पूर्ण कराने पर जोर
उधर, जिला पंचायत प्रधानमंत्री आवासों को पूर्ण कराने पर जोर दे रही हैं। जिला पंचायत के अधिकारी हर ब्लाक में जाकर आवासों की स्थिति देख रहे हैं। दरअसल, वर्ष 2019 तक आवासों का पूर्ण काफी हद तक पूर्ण किया जाना है, इसके लिए जोर दिया जा रहा है। गुना, आरोन, बमोरी, चांचौड़ा और राघौगढ़ ब्लाक में जनपद सीईओ के अलावा जिला पंचायत सीईओ और एसीईओ गांवों में भ्रमण कर रहे हैं। इस दौरान दूसरे विभागों की खामियां भी सामने आ रही हैं।