scriptसिर्फ नाम की आदर्श कृषि मंडी, किसान की आंखों के सामने ही उपज से भरा कट्टा चोरी | Adarsh agricultural market in name only, a bag full of produce stole | Patrika News

सिर्फ नाम की आदर्श कृषि मंडी, किसान की आंखों के सामने ही उपज से भरा कट्टा चोरी

locationगुनाPublished: Nov 25, 2021 12:04:40 pm

Submitted by:

Narendra Kushwah

जहां हो रही थी तुलाई, वहां लगे थे कैमरे, किसान ने पता किया तो बंद मिलेसुरक्षा के नाम पर मंडी में 35 गार्ड तैनात, नजर नहीं आता एक भीतौल कांटों की नहीं होती समय-समय पर जांच, पेयजल व भोजन के इंतजाम भी नहीं,अन्नदाता के शोषण के लिए आदर्श बनी गुना की कृषि मंडी

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गुना. जिला मुख्यालय स्थित नानाखेड़ी कृषि उपज मंडी को आदर्श मंडी के नाम से जाना जाता है। लेकिन वर्तमान में यह अन्नदाता के शोषण का केंद्र बना हुआ है। मंगलवार को किसान की उपज तौल में गड़बड़ी का मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि अगले दिन बुधवार को एक किसान के साथ उपज चोरी की घटना हो गई। गौर करने वाली बात है कि किसान उस समय उपज तौल करवा रहा था उसी समय ट्रेक्टर पर रखा चना से भरा कट्टा गायब हो गया। यह देख किसान हैरान परेशान है क्योंकि उसकी आंखों के सामने ही इस तरह की घटना हो गई और वह देख तक नहीं पाया। जब उसने तुलाई करने वाली व्यापारिक फर्म से बात की तो उन्होंने इस मामले से यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि पूरी मंडी में नशेलची घूमते रहते हैं, उनका कोई कुछ नहीं कर पाता। यही नहीं मौके पर लगे सीसीटीव्ही कैमरे भी बंद पाए गए। इस घटना के बाद मंडी में आने वाले किसान काफी डरे हुए हैं। क्योंकि लगातार किसानों के साथ घटनाएं हो रही हंै लेकिन मंडी प्रशासन से लेकर कोई भी कुछ करने को तैयार नहीं है।
जानकारी के मुताबिक गुना की नानाखेड़ी कृषि उपज मंडी को अपनी अच्छी सुविधाओं के लिए शासन ेने आदर्श मंडी का दर्जा दिया था। लेकिन इसे मंडी प्रशासन ज्यादा दिनों तक कायम नहीं रख सका। यही कारण है कि पिछले काफी समय से यह मंडी अपने अच्छे काम के लिए नहीं बल्कि किसानों के साथ हो रही तरह-तरह की घटनाओं के लिए आदर्श के रूप में पहचानी जाने लगी है। मंडी प्रशासन ने यहां सुरक्षा के के लिए बाउंड्रीवॉल करवाई है। मेन गेट के अलावा जो अन्य गेट हैं उन्हें पूरे समय बंद रखा जाता है। यही नहीं मंडी परिसर में होने वाली गतिविधियों के दौरान सुरक्षा के लिए 35 गार्ड पदस्थ हैं। जिनके वेतन पर हर माह लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। यहीं नहीं मंडी प्रशासन ने पूरे परिसर में जगह-जगह सीसीटीव्ही कैमरे लगवाने पर भी एक बड़ा बजट खर्च किया है। इसके बावजूद मंडी परिसर में सुरक्षा का अभाव बना हुआ है। बदमाश व चोर बिना डरे वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं और किसान को अपने आपको ठगा सा महसूस करने लगता है। ताजा मामला बुधवार को मंडी समिति कार्यालय के पास स्थित एक व्यापारिक फर्म पर घटित हुआ। यहां महावीर रघुवंशी निवासी कालाबाग भौंरा चने की उपज बेचने आए थे। ट्रेक्टर की एक सीट पर दो कट्टे रस्सी से बंधे हुए थे जबकि एक कट्टा दूसरी सीट पर बिना बंधे रखा था। वहीं ट्रॉली में जो उपज थी उसे महावीर तुलवा रहे थे। इसी दौरान अचानक ट्रेक्टर की सीट पर बिना बंधा रखा 60 किलो का चने का कट्टा गायब हो गया। किसान ने देखा कि पीठ फेरते ही यह कट्टा गायब हुआ है, कट्टा ले जाते हुए भी कोई नहीं दिखा। इसका मतलब है कि तुलाई कर रहे लोगों में से ही किसी ने इसे नजर बचाकर पर किया है। किसान ने वहां मौजूद लोगों से कहा तो वे उल्टे उस पर ही बरस पड़े। यहीं नहीं मौके पर कैमरे लगे देख किसान को लगा कि शायद इसमें चोर कैद हुए हों, उसने व्यापारी से पूछा तो उसने बताया कि कैमरे बंद हैं। वहीं इस घटना को लेकर व्यापारी ने पूरी तरह से अपना पल्ला झाड़ लिया। उसने किसान को तर्क दिया कि मंडी में आने जाने के लिए पांच गेट हैं। पूरे परिसर स्मैकची घूमते रहते हैं। उन्हें चोरी करने से कोई नहीं रोक सकता। यदि कोई उन्हें पकड़ भी ले तो उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाते। वहीं सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी मंडी प्रशासन की है इसलिए इसमें कुछ नहीं कर सकता। इस तरह के व्यवहार से किसान अपने आपको असहाय महसूस करने लगा।
अकेले किसान को मंडी में उपज बेचना मुश्किल
नानाखेड़ी मंडी में वर्तमान में जो हालात निर्मित हुए हैं, उसे देखकर यहां आने वाले किसानों का कहना है कि अब इस मंडी में अकेले किसान को उपज बेचना आसान नहीं है। यदि वह यहां उपज बेचने आता है तो सबसे पहले वह अपनी उपज घर या मंडी के बाहर ही तुलवा कर आए। यही नहीं वह अपने साथ कम से दो से तीन लोगों को लेकर आए ताकि एक व्यक्ति उपज की रखवाली कर सके।

पेयजल और भोजन की व्यवस्था नहीं
मंडी में उपज बेचने आने वाले किसान के समक्ष केवल सुरक्षा की ही चिंता नहीं है बल्कि यहां पेयजल और भोजन की भी कोई व्यवस्था नहीं है। परिसर में जगह-जगह उपज की तौल होती है। लेकिन पेयजल के इंतजाम सिर्फ मंडी समिति कार्यालय पर ही हैं। ऐसे में किसान अपनी उपज को छोड़कर पानी पीने भी नहीं जा सकता। वहीं शासन की ओर से मंडी परिसर में जो कैंटीन की व्यवस्था थी वह काफी समय से बंद पड़ी है। कैंटीन के बाहर लिखा हुआ है कि किसान भोजनालय 20 रुपए में 6 पूड़ी और सब्जी फ्री। कृषक कूपन से यह भोजन 5 रुपए में 6 पूड़ी सब्जी प्राप्त करें। बुधवार को जब यहां पत्रिका टीम आई तो यह भोजनालय बंद मिला। किसानों ने बताया कि वे यहां कई बार आए लेकिन उन्हें कभी खुला नहीं मिला। किसान या तो घर से ही खाना लाते हैं या फिर उन्हें एक दिन से ज्यादा यहां रुकना पड़े तो उन्हें बाहर होटल पर ही खाना पड़ता है, जो काफी महंगा पड़ता है। वहीं अकेला किसान उपज को छोड़कर बाहर जा भी नहीं पाता।

उपज का कट्टा तो छोडि़ए ट्रॉली तक जा चुकी है चोरी
नानाखेड़ी मंडी में चोरी का यह आलम है कि यहां किसानों की आंखों के सामने से ही उपज तो चोरी हो ही जाती है लेकिन एक बार ऐसा भी मामला सामने आ चुका है जब उपज न बिकने पर किसान रात में यहीं ठहरा था। वह खाना खाने मंडी से बाहर गया तो इतने उपज से भरी ट्रॉली व्यापारिक फर्म के सामने से ही गायब हो गई। मामला कैंट थाने पहुंचा। विवेचना के पश्चात खुलासा हुआ कि जिस व्यापारिक फर्म ने इसे खरीदा था उसने ही इसे रातों रात गायब करवा दिया था।

तौल कांटों की समय-समय पर जांच नहीं
मंगलवार को किसान की उपज तौल में सामने आई गड़बड़ी के मामले ने यह उजागर कर दिया है कि मंडी में जो इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे लगे हैं वह पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं हैं। वहीं नापतौल विभाग की कार्यप्रणाली को भी उजाकर कर दिया है, जिसकी जिम्मेदारी है कि वह मंडी में औचक कार्रवाई करते हुए तौल कांटों की जांच करे। लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ है। यही कारण है कि किसान व आम उपभोक्ता हर दिन तौल में गड़बड़ी का शिकार होकर आर्थिक नुकसान भुगत रहा है।
सिर्फ नाम की आदर्श कृषि मंडी, किसान की आंखों के सामने ही उपज से भरा कट्टा चोरी
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