अमोरिया गैस सामान्यत: ज्यादा खतरनाक नहीं है, मगर देर तक अमोनिया सूंघने पर जान जा सकती है। अमोनिया एक तेज गंध वाली रंगहीन गैस है। हवा से हल्की होती है और बर्फ बनाने में उपयोग आती है। यह पानी में से गर्मी खींच लेती है, इससे पानी ठंडा होता चला जाता है। शहर में आइस फैक्ट्री में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है।
जयस्तंभ चौराहा तक आ रही थी गंध
फैक्ट्री मठकरी कालोनी में जैन मंदिर के पास है। गैस रिसने के बाद इसकी गंध जयस्तंभ चौराहा तक पहुंच गई थी। रहवासी प्रवीण अग्रवाल ने बताया जैसे ही लोगों को पता चला तो हड़कंप मच गया। लोग घरों से बाहर निकल आए। पुलिस पहुंची तो उनसे गैस के बारे में जानकारी लेने पहुंचे, ताकि सुकून से रात में सो सकें। इसी तरह की घटना भुल्लनपुरा स्थित आइसफैक्ट्री में नवंबर 2017 में हुआ था। लोग अपने मकान खाली कर आरओबी और रोड पर आ गए थे। कुछ दिन तक प्रशासनव पुलिस ने सक्रियता भी दिखाई, लेकिन इसके बाद से इन फैक्ट्रियों पर कोई सख्ती नहीं है।
मठकरी कालोनी में अवस्थी की फैक्ट्री है। जिस समय गैस लीक हुई, तब चौकीदार खाना खाने चला गया था। लोगों ने जानकारी दी तो गैस के मालिक को बुलाकर गैस को बंद करा दिया था। गैस लीक न हो, इसके लिए हिदायत भी दी है।
-अवनीत शर्मा, टीआई कोतवाली
अमोनिया गैस हवा से हल्की होती है। जमीन से एक फीट ऊंची रहती है। इससे आंखों में जलन, जी मिचलाना, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ होती है। गैस लीक हो, उस समय मुंह पर गीला कपड़ा रखना चाहिए। ज्यादा गैस सूंघने पर नुकसान होता है।
-जेके राजौरिया, जूनियर वैज्ञानिक, पोलूशन कंट्रोल बोर्ड, एनएफएल गुना