बड़ों के साथ छोटे बच्चों में संक्रमण चिंता का विषय
कोरोना की पहली और दूसरी लहर लोग देख चुके हैं। इस दौरान बच्चों के संक्रमित होने की संख्या काफी कम थी। जबकि इस बार शुरूआत से ही बच्चे संक्रमित निकल रहे हंै। इन बच्चों की उम्र 4 साल से लेकर 18 साल तक है। चिंता की बात यह है कि 3 जनवरी से 15 से 18 साल तक के बच्चों का टीकाकारण शुरू हो गया है। 50 हजार से अधिक बच्चों का वैक्सीनेशन हो चुका है। वहीं 15 से कम उम्र वाले बच्चों का वैक्सीनेशन अभी शुरू नहीं हुआ है। गुरुवार को संक्रमितों की लिस्ट में डीएफओ के साथ उनकी चार साल की बेटी भी शामिल हैं। इससे पहले कॉलेज और कन्या छात्रावास की 4 छात्राएं भी पॉजिटिव निकल चुकी हैं। गौर करने वाली बात है कि कोरोना संक्रमण की शुरूआत प्रशासनिक अमले में राजस्व विभाग से हुई थी। इसके बाद स्कूल, पुलिस और अस्पताल तक संक्रमण पहुंच चुका है। सीआईएफ के जवान को पीजी कॉलेज परिसर में बने नए भवन में बनाए गए कोविड वार्ड मेंं भर्ती कराया गया है।
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संक्रमितों में युवाओं की संख्या ज्यादा
अभी तक सामने आए कोरोना पॉजिटिवों के डेटा को देखें तो सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की नजर आ रही है। वहीं दूसरे नंबर पर नाबालिग बच्चे हैं। बुधवार को भी 6 तथा गुरुवार को 3 बच्चे संक्रमित निकले थे। 12 संक्रमितों में केवल एक मरीज की संख्या 50 साल से अधिक है।
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कोविड संदिग्ध मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था ठीक नहीं
जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने के लिए कोविड वार्ड और आईसीयू बना दिया गया है। लेकिन जो मरीज प्रारंभिक जांच में कोविड संदिग्ध पाए जा रहे हैं तथा उनकी कोरोना जांच न होने तक उन्हें किस वार्ड में रखा जाएगा, यह अभी तक निर्धारित नहीं है। यही कारण है कि शुक्रवार को जब कुंभराज का एक मरीज जिला अस्पताल आया। यहां डॉक्टर ने उसे प्रारंभिक जांच में गंभीर मानते हुए आइसोलेशन में भर्ती करने के लिए लिख दिया। लेकिन उक्त मरीज की उस समय तक कोरोना जांच नहीं हुई थी। इसलिए यह स्पष्ट तो नहीं हुआ था कि वह संक्रमित है लेकिन शुरूआती लक्षण उसे कोविड संदिग्ध बता रहे थे। ऐसे में उक्त मरीज को सीधे कोविड आईसीयू में भर्ती नहीं किया जा सकता। जब उक्त मरीज को लेकर परिजन डीईआईसी भवन पहुंचे तो उन्हें समझ ही नहीं आया कि मरीज को कहां भर्ती करना है। उन्होंने डीईआईसी भवन के फस्र्ट फ्लोर पर संचालित मेडिकल वार्ड की नर्स से पूछा तो उन्होंने डॉक्टर से स्पष्ट रूप से लिखवाने के लिए कहा कि मरीज को किस वार्ड में भर्ती करना है। क्योंकि कुछ दिन पहले तक मेडिकल वार्ड कोविड संदिग्ध मरीज भर्ती किए जा रहे थे लेकिन वर्तमान में नहीं। कोरोना का पहला मरीज जिला अस्पताल में आने के बाद डीईआईसी भवन की ऊपरी मंजिल को पूरा खाली करा लिया गया है। अब ऐसे में सिस्टम की जो खामी सामने आई है, उसके अनुसार मरीज को भर्ती करने के लिए अस्पताल का एक कर्मचारी उसके साथ होना जरूरी है ताकि मरीज सही जगह पर भर्ती हो सके।
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आज से 31 जनवरी तक स्कूल बंद
मप्र के सभी जिलों में हर दिन बढ़ते केसों को देखते हुए शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कान्फ्रेंस के दौरान सभी स्कूलों को 31 जनवरी तक बंद रखने का ऐलान कर दिया। ऐसे में 20 जनवरी से होने वाले प्री-बोर्ड एग्जाम घर से देना होंगे। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र में सभी तरह के मेले, रैलियों और जुलूसों पर रोक लगा दी गई है। नाइट कफ्र्यू पहले की तरह रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक रहेगा। आर्थिक गतिविधियां जारी रहेंगी।
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इन गतिविधियों पर रोक नहीं
खेल गतिविधियां 50 प्रतिशत क्षमता के साथ जारी रहेंगी।
20 जनवरी से प्री-बोर्ड एग्जाम घर से ही देना होगा।
जुलूस, रैली, राजनीतिक और सामाजिक सभा प्रतिबंधित रहेगी।
50 प्रतिशत कैपेसिटी के साथ हॉल में कार्यक्रम हो सकेंगे।
सभी तरह के धार्मिक और आर्थिक मेलों पर रोक रहेगी।
राजनीतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, एजुकेशनल और मनोरंजन जैसे कार्यक्रम खुले मैदान में 250 की संख्या में हो सकेंगे।
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इन पर रोक नहीं
धार्मिक स्थल खुले रहेंगे, लेकिन यहां धार्मिक मेले नहीं लगेंगे।
मकर संक्रांति पर स्नान पर रोक नहीं।