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स्कूल परिसर में बंधते हैं मवेशी, एक मात्र शिक्षक के भरोसे 80 बच्चे

locationगुनाPublished: Sep 27, 2021 12:53:52 am

Submitted by:

praveen mishra

स्कूल भवन से लेकर शौचालय क्षतिग्रस्त, कभी भी हो सकता गंभीर हादसामामला ग्राम पीपलखेड़ीकला के प्राथमिक विद्यालय का

स्कूल परिसर में बंधते हैं मवेशी, एक मात्र शिक्षक के भरोसे 80 बच्चे

स्कूल परिसर में बंधते हैं मवेशी, एक मात्र शिक्षक के भरोसे 80 बच्चे

गुना/कुंभराज . जिले के दूरस्थ ग्रामीण अंचल में सरकारी स्कूलों की बेहद दयनीय स्थिति है। न तो भवन पढ़ाई लायक हैं और ही बच्चों की संख्या के मान से शिक्षक पदस्थ हैं। यही कारण है कि गांव के बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे चल रही है। बदहाल शिक्षण व्यवस्था के ऐसे हालात कुंभराज क्षेत्र के पीपलखेड़ीकला गांव के सरकारी स्कूल के हँं। यह विद्यालय कक्षा 5 तक है। जिसमें करीब 70 से 80 बच्चे दर्ज हैं। जिन्हें पढ़ाने के लिए मात्र एक ही शिक्षक पदस्थ है। ऐसे में आसानी से समझा जा सकता है कि पढ़ाई कैसे होती होगी। स्कूल भवन की हालत जर्जर है। परिसर में जो शौचालय बने हैं वे उपयोग लायक नहीं है। वहीं एक और शौचालय तो अधूरा बनाकर ही छोड़ दिया गया जो शुरूआत से ही उपयोगविहीन बना हुआ है। वर्तमान में स्कूल परिसर में खरपतवार खड़ी हुई है। परिसर में कभी भी मवेशी बंधे हुए देखे जा सकते हैं। इस तरह के माहौल में बच्चों को शिक्षा दी जा रही है।
जानकारी के मुताबिक गुना जिले की तहसील कुंभराज के ग्राम पीपल खेड़ी कला में स्थित शासकीय प्राइमरी स्कूल क्षतिग्रस्त हालत में है। जो कभी भी गिर सकता है। इसके बावजूद बिल्डिंग में 70 से 80 बच्चों को बिठाया जाता है। देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन को बढ़ावा देने वाले देश में स्कूल के शौचालय पूरी तरह से गिर चुके हैं। इस स्कूल में स्वच्छता बस एक मजाक बनकर रह गई है। स्कूल के चारो तरफ गंदगी फैली हुई है। कुछ लोगों ने तो अपने जानवरों को भी स्कूल में बांधना शुरू कर दिया है। एक शिक्षक और जर्जर बिल्डिंग के भरोसे 80-90 बच्चों के जीवन और भविष्य दोनों से खिलवाड़ किया जा रहा है। समय रहते अगर स्कूल में कोई सुधार नहीं किया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

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