हर दिन यात्री वाहनों बस, मैजिक में ओवर लोडिंग की जा रही है। यहां तक कि स्कूली बच्चों के वाहनों में भी क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाया जा रहा है। लेकिन इसे रोकने वाला कोई नहीं है। जिन विभागों पर इसे रोकने की जिम्मेदारी है, वे कभी-कभार कार्रवाई कर कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। जबकि ओवर लोडिंग पर लगाम लगाने के लिए निर्धारित पाइंट्स पर लगातार कार्रवाई की जानी आवश्यक है। लोग वाहनों में लटक कर और छत पर बैठकर भी यात्रा करते नजर आ रहे हैं।
सबसे ज्यादा हालात ग्रामीण क्षेत्रों के खराब हैं। यहां यात्रियों को भेड़-बकरियों की तरह ठूंसठूंस कर बैठाया जाता है। आधिकांश रूटों पर इस तरह के हालात देखने को मिल रहे हैं। यहां तक कि हाईवे पर भी बसों व छोटे वाहनों में ओवर लोडिंग जारी है। चांचौड़ा, बीनागंज, कुंभराज, ब्यावरा व मधुसूदनगढ़ वाले रास्तों पर भी ऐसे नजारे देखने को मिल रहे हैं।
छत पर बैठे और गेट पर लटके मिले यात्री
जिले के ग्राम बरखेड़ा में सूर्या ट्रेवल्स की बस में यात्रियों को अंदर तो ठसाठस भरा ही गया, बस की छत पर सवारियों को बैठा लिया। जबकि गांव में तार यात्रियों के सिर को छू रहे थे और यात्री अपने यहां-वहां होकर तारों से बचने का प्रयास कर रहे थे। आगे व पीछे के गेट पर भी यात्री लटके हुए नजर आए। वहीं एक दिन पहले आरोन बस स्टेंड पर कमला बस में भी सवारियां छत पर बैठी मिलीं।
टैक्सी में एक दर्जन से अधिक सवारियां
अशोकनगर रोड पर एक ऑटो में एक दर्जन से अधिक सवारियां बैठी मिली। जिनमें महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे। चार मुख्य सीट पर, चार-पांच पीछे और दो सवारियां चालक की सीट पर बैठी मिलीं। गुना से ऊमरी रोड पर भी ऐसे ही कई ओवर लोडिंग ऑटो व मैजिक वाहनों में लोग सफर करते हुए देखे जा सकते हैं। जो रोजाना तहसील परिसर के सामने से अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना होते हैं।
ऑटो में भी ओवर लोडिंग
ग्रामीण क्षेत्रों में आवाजाही के लिए ऑटो बड़ा सहारा हैं। जहां बसें कम हैं या अंदर होने के कारण नहीं जाती हैं, वहां ऑटो व मैजिक ही यातायात का साधन है। इनमें ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं। क्षमता से बहुत अधिक सवारियां बैठाकर वाहन चलाए जा रहे हैँ। चार सवारियों की क्षमता ऑटो में भी 12 से लेकर 14 सवारियां बैठाई जा रही है। ऐसे में वाहन के अनियंत्रित होकर पलटने का खतरा रहता है और हादसे में जनहानि भी अधिक हो सकती है। गुना-अशोकनगर स्टेट हाईवे पर अधिकांश टैक्सियां ऐसे ही चल रही हैं, जिनके द्वारा नियमों का उल्लंघन हो रहा है।