रात में करीब 9 बजे जब बारिश का जोर थोड़ा कम हुआ, तो रहवासी अपने घरों से निकलकर सड़क पर आ गए और नारेबाजी शुरू कर सड़क को जाम कर दिया। तेज बारिश में फंसे लोगों को जैसे-तैसे निकलने का मौका मिला था, तो वे आकर जाम में फंस गए। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाइश देकर सड़क से हटाया। तब तक सड़क पर दोनों ओर वाहनों की कतार लगी रही। इसकी वजह से वाहनों पर सवार लोग काफी देर तक परेशान होते देखे गए।
गलियां व सड़कें बन गईं तालाब
रात में रुक-रुक बारिश होने के बाद गुरूवार को भी दिन भर आसमान पर काली घटाएं छाई रहीं।
गुरूवार सुबह 5.30 बजे तक जिले में 54.4 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई। बस्तियों में पानी भरने से लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। अधिकांश सड़कों पर पानी भर गया था। बाजार में भी सड़कें पानी से लबालब हो गई थीं। जो जहां था, वहीं थमकर रह गया। बीच में कहीं-कहीं रिमझिम बारिश भी हुई। वहीं मौसम विभाग ने शुक्रवार को भी जिले में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
लुत्फ लेते भी देखे गए लोग
झमाझम बारिश ने जहां शहरवासियों को परेशान किया तो वहीं खुश होने का मौका भी दिया। शहर के तीनों तालाब सिंगवासा, भुजरिया व गोपालपुरा रात में ही ओवर फ्लो हो गए, जिन्हें देखने के लिए सुबह से ही लोग तालाबों पर पहुंचे। सबसे अधिक भीड़ सिंगवासा तालाब पर लगी रही। यहां लोगों ने तालाब में नहाने का लुत्फ भी उठाया।
सामरसिंगा की सड़क जलमग्न
बमोरी. तेज बारिश से सामरसिंगा गांव में खेतों में पानी भर गया और मुख्य सड़क भी जल मग्न हो गई। यह सड़क गांव को गुना व फतेहगढ़ से जोड़ती है। सड़क दोनों ओर खेतों के बीच बहती नदी की तरह नजर आ रही थी। करीब डेढ़ किमी लंबी सड़क पर तीन जगह एक फुट से अधिक पानी भरा था। सड़क पर पुलिया भी है, निर्माण पूरा न होने से बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश का आंकड़ा भले ही औसत बारिश के ५० प्रतिशत को पार कर गया है, लेकिन जिले के बड़े तालाब अब भी खाली हैं। केवल रामपुर तालाब में ही ८५ प्रतिशत जल भरा हुआ है, वहीं संजय सागर में मात्र ३४ प्रतिशत पानी ही आया है। अन्य तालाबों में मकरावदा डेम ५१ प्रतिशत, बडिय़ा नाला ५० प्रतिशत और गोपीकृष्ण सागर डेम ६५ प्रतिशत तक भरे हैं। इनके लबालब होने के लिए अभी और बारिश की दरकार है।