ब्लास्ट से ट्रैक पर बिखरीं चट्टानें
गुनाPublished: Jun 01, 2015 11:39:00 pm
रेलवे दोहरीकरण कार्य के
दौरान सोमवार सुबह बड़ा हादसा टल गया। दरअसल, कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा टै्रक बनाने
पहाड़ों को तोड़ने ब्लास्ट किया गया था
गुना। रेलवे दोहरीकरण कार्य के दौरान सोमवार सुबह बड़ा हादसा टल गया। दरअसल, कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा टै्रक बनाने पहाड़ों को तोड़ने ब्लास्ट किया गया था, जिससे मलबा (चट्टानों के रूप में) रनिंग ट्रेक पर आ गिरा। इससे चार घंटे तक रेल यातायात बाधित रहा। इधर, हादसा होने के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा तीन घंटे का ब्लाक लिया गया। इसके बाद ट्रैक से मलबा हटाया गया, तो भारी पत्थरों से ट्रैक का बिगड़ा अलाईमेंट भी दुरूस्त किया गया।
रेलवे द्वारा गुना से रूठियाई के बीच दोहरीकरण का कार्य किया जा रहा है। लेकिन महूगढ़ा से रूठियाई के बीच पहाड़ी क्षेत्र होने से कंस्ट्रक्शन कंपनी को डबल लाइन बिछाने पहाड़ों को ब्लास्ट कर रास्ता बनाया जा रहा है। इसी क्रम में सोमवार सुबह कंपनी द्वारा पहाड़ तोड़ने ब्लास्ट किया गया, लेकिन ब्लास्टिंग के दौरान पहाड़ का मलबा बड़ी चट्टानों के रूप में ट्रेक पर आ गिरा। इससे पटरियों का अलाईमेंट बिगड़ गया, जिससे ट्रेक पर रेल यातायात को रोक दिया गया।
रेलवे सूत्रों की मानें, तो कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा ब्लास्टिंग से पहले ब्लाक नहीं लिया गया था। हालांकि, घटना के बाद ब्लाक लेकर कंपनी द्वारा ट्रेक से मलबा हटाया गया, तो रेलवे द्वारा लंबी मशक्कत के बाद ट्रेक का अलाईमेंट मिलाया गया। इसके लिए पटरी को बेल्ड भी करना पड़ा। इस बीच करीब चार घंटे तक रेल यातायात प्रभावित रहा। इस दौरान गुना की ओर आ रही मालगाड़ी को भी रूठियाई में रोका गया, तो कोटा-बीना पैसेंजर भी लगभग चार घंटे बाद ट्रेक से गुजर सकी।
पहले भी हुई घटना
रेलवे दोहरीकरण कार्य के दौरान पूर्व में भी महूगढ़ा-रूठियाई के बीच पहाड़ तोड़ने ब्लास्टिंग के दौरान ट्रेक पर मलबा गिरने की घटना हो चुकी है। सूत्र बताते हैं कि उक्त घटना से भी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा सबक नहीं लिया गया और सोमवार को भी बिना ब्लाक लिए ब्लास्टिंग की गई।
ट्रेनें खड़ी होने से परेशान हुए यात्री
ट्रैक पर पहाड़ का मलबा गिरने के साथ ही रेल यातायात भी थमकर रह गया था, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कोटा से बीना की ओर आने वाली पैसेंजर को करीब एक बजे गुना पहुंचना था, लेकिन उसे रूठियाई में रोक दिया गया, जो शाम लगभग चार बजे पहुंच सकी। इसी तरह बीना से कोटा की ओर जाने वाली बीना-कोटा पैसेंजर को भी रोकते हुए गुना लाया गया, जहां भी उसे आधा घंटे रोका गया।
इसी तरह उज्ौन की ओर जाने वाली साबरमती एक्सप्रेस को गुना में खड़ा कर दिया गया, जो लगभग एक घंटे विलंब के बाद ही आगे बढ़ सकी। जबलपुर से इंदौर की ओर जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस भी ट्रेक बाधित होने से गुना स्टेशन पर खड़ी होकर रह गई। सूत्र बताते हैं कि जिन गाडियों में एसी कोच होते हैं, तो उन्हें एक घंटे से ज्यादा समय रोकने पर एसी बंद कर दिए जाते हैं। इससे भीषण गर्मी मे यात्रियों को स्टेशन पर भटकते देखा गया।