scriptशासन द्वारा निर्धारित गाइड लाइन पर खरा नहीं है जिला अस्पताल का ब्लड बैंक | Blood Bank of District Hospital is not up to the guide line | Patrika News

शासन द्वारा निर्धारित गाइड लाइन पर खरा नहीं है जिला अस्पताल का ब्लड बैंक

locationगुनाPublished: May 10, 2021 12:40:04 am

Submitted by:

Narendra Kushwah

इसलिए ब्लड बैंक का लाइसेन्स रिन्यू और प्लाज्मा निकालने वाली मशीन को चालू करने नहीं मिल पा रहा लाइसेंसफुल टाइम ब्लड बैंक अधिकारी न होना भी एक बड़ी वजहपर्याप्त ब्लड की कमी, यूनिट संचालन के लिए पर्याप्त जगह का अभाव भी बन रहा बाधा

गुना.जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं व व्यवस्थाएं भगवान भरोसे चल रही हैं। यहां प्रत्येक विभाग की व्यवस्थाओं को देखने प्रभारी मौजूद तो हैं लेकिन वे अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं लेते हैं। यही कारण है कि अस्पताल के प्रत्येक विभाग की हालत कतई ठीक नहीं है। इस समय अस्पताल प्रबंधन से लेकर प्रशासन का पूरा फोकस कोविड मरीजों पर है। लेकिन हकीकत में न तो इस वार्ड की हालत ठीक हो पा रही है और न ही इससे जुड़ी सहयोगी यूनिट ब्लड बैंक की। यही कारण है कि यहां न तो गंभीर मरीजों को समय पर ब्लड उपलब्ध हो पा रहा है और न ही इस यूनिट का संचालन शासन की गाइड लाइन के अनुरूप हो पा रहा है। जिसके कारण ही पहले ब्लड बैंक का लाइसेंस रिन्यु कराने में परेशानी का सामना करना पड़ा और अब प्लाज्मा कंपोनेंट मशीन को चालू करने में परेशानी आ रही है। लेकिन अब तक अस्पताल प्रबंधन ने इसे चालू कराने के लिए कोई सार्थक प्रयास शुरूनहीं किए हैं। जिससे कोरोना संकट काल में जरुरतमंदों की मदद नहीं हो पा रही है।
जानकारी के मुताबिक इस समय कोरोना मरीजों को जल्द से जल्द ठीक करने के प्रयास में सरकार से लेकर पूरा प्रशासन जुटा हुआ है। इस काम में बेहद मददगार साबित होने वाली प्लाज्मा कंपोनेंट मशीन शासन जिला अस्पताल को करीब पांच माह पहले उपलब्ध करा चुका है। यही नहीं उक्त मशीन को ऑपरेट करने के लिए टेक्नीशियन को एक साल का विशेष प्रशिक्षण तक दिया जा चुका है। इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन व प्रशासन इसे अब तक चालू नहीं करा सका है। ब्लड बैंक से मिली जानकारी के मुताबिक उनकी तरफ से सभी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं। सिर्फ शासन स्तर से औपचारिकताएं पूरी होना बाकी हैं।
वहीं पत्रिका पड़ताल में यह बात सामने आई है कि प्लाज्मा कंपोनेंट मशीन यूनिट को चालू करने के लिए अब तक लाइसेंस नहीं मिला है। इसकी वजह जब पता की तो सामने आया कि यूनिट के संचालन के लिए शासन द्वारा जो मापदंड निर्धारित किए गए हैं उन पर ब्लड बैंक खरा नहीं उतर रहा है।

गाइड लाइन के तहत यह कमियां आईं सामने
यहां ब्लड बैंक अधिकारी फुल टाइम ड्यूटी नहीं देते। एसओपी, ब्लड बैंक मैप, ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट, एसी की कमी, कमरों का वर्गीकरण न होना भी लाइसेंस मिलने में बाधा उत्पन्न कर रहा है। जबकि प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने यह कमियां दूर कर ली हैं। निरीक्षण टीम को फाइल प्रेषित किया जाना है। इसके लिए सबसे पहले ब्लड बैंक अधिकारी की पूर्ण समय ड्यूटी उपलब्ध होना सुनिश्चित किया जाना है। वर्तमान में ब्लड बैंक अधिकारी की ड्यूटी कभी मेटरनिटी तो कभी कोविड में लगा दी जाती है। जिससे ब्लड बैंक का कार्य अवरुद्ध हो रहा है। मौजूदा समय में जिले का एक मात्र ब्लड बैंक लैब टेक्नीशियन के भरोसे चल रहा है।

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