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1 साल बाद भी नहीं बन सके पिपरौदा को शहर से जोडऩे वाले 2 पुल

locationगुनाPublished: Nov 28, 2019 10:47:03 pm

Submitted by:

Narendra Kushwah

पत्रिका ग्राउंड रिपोर्ट :गंदे नाले से निकलने को मजबूर लोगजनता की समस्या के प्रति न जनप्रतिनधि गंभीर और न अधिकारी

1 साल बाद भी नहीं बन सके पिपरौदा को शहर से जोडऩे वाले 2 पुल

1 साल बाद भी नहीं बन सके पिपरौदा को शहर से जोडऩे वाले 2 पुल

गुना. सरकार ने निर्माण कार्यों की मॉनीटरिंग के लिए हर विभाग में अधिकारी पदस्थ किए हैं। जिनकी मोटी सैलरी पर शासन बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च कर रहा है। इसके बावजूद निर्माण कार्य समय सीमा में पूर्ण नहीं हो पा रहे हैं।
जिसका खामियाजा जनता को परेशानी का सामना कर उठाना पड़ रहा है। हम बात रहे हैं नगरीय क्षेत्र से सटे ग्राम पिपरौदाखुर्द की। जिसका आधा हिस्सा नगर पालिका के वार्ड में आता है तथा शेष हिस्सा पिपरौदाखुर्द पंचायत क्षेत्र में। इलाके में रहने वाले लोगों की सबसे गंभीर समस्या आवागमन में आ रही परेशानी है।
क्योंकि क्षेत्र के बीच से होकर गुनिया नदी निकली है, जो वर्तमान में गंदे नाले का रूप धारण कर चुकी है। इसी नदी पर दो पुल बनाया जाना है, जिनका निर्माण एक साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है। मजबूरी में लोग बेहद गंदे पानी के बीच से होकर निकल रहे हैैं। क्योंकि उनके पास इसके अलावा आवागमन के लिए कोई विकल्प नहीं है। यही कारण है कि हर दिन लोग पैदल व बाइक से निकलते समय गंदे नाले में गिर रहे हंै।
1 साल बाद भी नहीं बन सके पिपरौदा को शहर से जोडऩे वाले 2 पुल
इसलिए जरूरी है पुल निर्माण
नागरिकों ने बताया कि पिपरौदा की आधी आबादी पुल के दूसरे हिस्से में निवास करती है। लेकिन इस इलाके में न तो बच्चों को पढ़ाने स्कूल हैं और न ही जरूरी सामान खरीदने बाजार। यही कारण है कि लोगों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने और लाने के लिए परेशान होना पड़ता है। मजबूरीवश लोग दूसरे रास्ते से जाते हैं। ऐसे में उन्हें करीब दो किमी का अतिरिक्त फेर पड़ता है।
निर्माण स्थल पर जरूरी जानकारी अंकित नहीं
शासन की निर्धारित गाइड लाइन के मुताबिक किसी भी निर्माण कार्य शुरू होने से पहले उक्त स्थल पर एक बोर्ड लगा होना जरूरी है। जिस पर निर्माण कार्य की लागत, निर्माण कार्य प्रारंभ की तिथि, कार्य पूर्ण की तिथि, गारंटी का समय तथा निर्माण कंपनी का नाम लिखा होना जरूरी है। लेकिन यहां ऐसा कोई भी बोर्ड नहीं लगाया गया है।
यह बोले नागरिक
पुल न बनने से पिपरौदा पंचायत की आबादी दो हिस्सों मेें बंट गई है। लोग अपने दैनिक काम के लिए सीधे रास्ते से शहर नहीं जा पाते हैं। जो भी मजबूरीवश यहां से निकलता है गंदे नाले में जरूर गिरता है। बारिश के दिनों मेें तो यह रास्ता पूरी तरह से बंद ही हो जाता है।
कैलाश कुशवाह, नागरिक

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