शर्मा ने कार्यभार संभालने के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए बताया कि उनके पिता राम बली शर्मा लंबे समय से सहकारी बैंक से जुड़े रहे। वे बैंक के अध्यक्ष पद पर भी रहे। वे सन् 1972-73 से राजनीति से जुड़े हैं। उनका कहना था कि वह सहकारी बैंक में डायरेक्टर पद पर भी रहे। उन्होंने अपनी नियुक्ति का श्रेय पूर्व मु यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश के नगरीय विकास एवं प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह, चंदेरी के कांग्रेस विधायक गोपाल सिंह चौहान को दिया। उनसे जब पूछा गया कि सहकारी बैंक घाटे में है, इसका संचालन कैसे करेंगे। उन्होंने कहा, सहकारी बैंक साढ़े छह करोड़ रुपए के फायदे में चल रही है। उनसे जब जाना कि आपके पदभार ग्रहण में गुना का कोई नेता नजर नहीं आ रहा है, इस पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता आए थे, वे चले गए हैं।
इधर, दिग्विजय की गिरफ्तारी पर अमित शाह का किया विरोध अशोकनगर. प्रदेश में सियासी उठापटक के चलते विधायकों से मिलने बेंगलुरु पहुंचे कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह की गिरफ्तारी के विरोध में बुधवार को शहर के रसीला चौराहे पर कांग्रेस समर्थित कुछ नए चेहरों ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का विरोध किया। क्षेत्र में पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद यह पहला प्रदर्शन था जिसमें एक दो लोग ही कांग्रेसी नजर आए तो कुछ नए चेहरे देखे गए। इस दौरान एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सचिन त्यागी, गौरव त्रिपाठी, सैयद नूरअली, सचिन शर्मा, आशीष बैरागी सहित कुछ नए कार्यकर्ता नजर आए। हाल ही में मध्य प्रदेश में सियासी उठापटक के बाद जहां सिंधिया समर्थक कार्यकर्ता चुप्पी साधे हुए हैं तो कुछ अपने पदों से इस्तीफा दे चुके हैं। इस बीच इस प्रदर्शन में जिले में कांग्रेस की स्थिति स्पष्ट नजर नहीं हो सकी।