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जीआरपी की ‘तीसरी आख’ दो माह से खराब, बदमाशों पर नहीं रखी जा रही नजर

locationगुनाPublished: May 27, 2019 06:42:09 pm

Submitted by:

Amit Mishra

रेलवे के भी सभी सीसीटीवी कैमरा खराब

CCTV cameras

CCTV cameras

गुना. रेलवे स्टेशन पर जीआरपी और रेलवे के सभी कैमरा बंद पड़े हैं। दो महीने से जीआरपी के कैमरा नहीं सुधारे गए और रेलवे के सीसीटीवी कैमरों को भी बंद हुए एक माह से ज्यादा का समय हो गया है। इस वजह से स्टेशन पर बदमाशों और संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी नहीं हो रही है। उधर, स्टेशन पर आए दिन चोरी की घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन कैमरा बंद होने से बदमाशों को भागने में पूरी मदद मिल रही है।



सुरक्षा की दृष्टि से जीआरपी हेडक्वाटर ने स्टेशन पर 8 सीसीटीवी कैमरा लगवाए थे। लेकिन कैमरा कुछ दिन ही ठीक से चले और अब बार-बार हो रहे हैं। बीते दो महीने से कैमरा पूरी तरह से बंद हो गए और स्टेशन पर होने वाली गतिविधियों की रिकॉर्डिंग नहीं हो रही है। जबकि संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने कैमरा काफी मददगार थे, इसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है।


हर दिन सफर करते हैं 6 हजार यात्री
गुना रेलवे स्टेशन से हर दिन 6 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं। पैसेंजर ट्रेनों के अलावा एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेन भी इस रूट से निकल रही हैं, जिनमें चोरी की घटनाओं की शिकायत हैं। स्टेशन पर भी जेब कटने और चैन स्नैचिंग के मामले सामने आते हैं, लेकिन कैमरा बंद होने से बदमाशों को पकडऩे में कोई मदद नहीं मिल रही।


रेलवे के कैमरा भी कई दिनों से बंद
रेलवे ने भी प्लेटफार्म एक, दो और तीन पर 16 कैमरा लगाए हैं, ये भी कैमरा भी एक माह से बंद पड़े हैं। रेलवे इन कैमरों की मदद से साफ सफाई और व्यवस्थाओं पर मानीटरिंग करता था, लेकिन ये काम भी प्रभावित है। स्टेशन पर साफ सफाई का जायजा मैन्युअली जाकर लेना पड़ता है। प्लेट फार्म की सुविधाओं की भी निगरानी नहीं हो पा रही है।

इनका कहना है
तेज आंधी और बारिश से कैमरा बंद हो गए थे। कैमरा लगाने वाला भोपाल से आता हैं। कैमरों की शिकायत की है, ेलेकिन सुधारने के लिए कोई नहीं आया।
-आरएस मीना, स्टेशन प्रबंधक


हमारे कैमरा खराब थे, जिनको पांच हजार रुपए में सुधराया, लेकिन हवा-आंधी से फिर खराब हो गए। आए दिन लोग मोबाइल चोरी की शिकायत लेकर कैमरे देखने आते हैं लेकिन कैमरा बंद हैं।
-आरपीएस परिहार, थाना प्रभारी जीआरपी

रेलवे स्टेशन पर एक स्टॉल पर रहेंगे 8 वेंडर
गुना रेलवे स्टेशन पर रेलवे ने अवैध वेंडरों पर अंकुश लगाने नई व्यवस्था की है। अब एक स्टॉल पर 8 वेंडरों की संख्या तय कर दी है। ये वेंडर स्लेट फार्म पर खड़ी टे्रनों और यात्रियों को सामग्री बेच सकेंगे। इनके अलावा कोई अन्य व्यक्ति सामग्री बेचते पाया तो उसके खिलाफ अवैध वेंडर का केस बनेगा।

दरअसल, गुना स्टेशन पर चार स्टॉल और एक भोजनालय हैं। इन स्टॉल पर सामग्री बेचने 8-8 लोगों की मंजूरी दी है। स्टॉल के अंदर खड़े रहकर सामग्री बेचने वाले इनमें शामिल नहीं हैं। गुना स्टेशन पर ही एक साथ 40 वेंडर काम करेंगे। आरपीएफ टीआई बीएस राठौड़ ने बताया, रेलवे ने यह नई व्यवस्था की है। एक स्टॉल पर सामग्री बेचने वालों की संख्या 8 रहेगी।

 


एमआरपी से ज्यादा राशि लेने पर होगी कार्रवाई
उधर, रेलवे ने प्रिंट रेट से अधिक पर सामग्री बेचने वालों पर सख्ती कर दी है। पानी, बिस्कुट, चिप्स और डेयरी प्रोडेक्ट आदि पर प्रिंट रेट से अधिक पर सामग्री बेचने की शिकायतें सामने आ रही हैं। अगर, किसी वेंडर ने प्रिंट रेट से ज्यादा पर सामग्री बेची तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

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