scriptसीसीटीवी कैमरे खराब, बायोमैट्रिक मशीन लगीं नहीं, फिर कैसे हो छात्राओं की सुरक्षा | CCTV cameras are bad, not biometric, then how are the girls' security | Patrika News

सीसीटीवी कैमरे खराब, बायोमैट्रिक मशीन लगीं नहीं, फिर कैसे हो छात्राओं की सुरक्षा

locationगुनाPublished: Aug 20, 2018 10:25:03 am

छात्रावासों में बेटियों के साथ बढ़ रहीं घटनाओं के बाद भी शिक्षा विभाग सबक नहीं ले रहा है। विभाग की हॉस्टलों में सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं और बायोमैट्रिक मशीनें लगाई नहीं गईं।

cctv Camera

Bike theft footage captured in cctv Camera

गुना. छात्रावासों में बेटियों के साथ बढ़ रहीं घटनाओं के बाद भी शिक्षा विभाग कोई सबक नहीं ले रहा है। शिक्षा विभाग की हॉस्टलों में छात्राओं की सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे अधिकांश खराब पड़े हैं और बायोमैट्रिक मशीनें लगाई नहीं गईं। जबकि १० माह पहले मशीनें आ चुकी हैं। शिक्षा विभाग के १५ हॉस्टल ऐसे संचालित हैं, जिनमें कथा ६ से १२वीं तक की छात्राएं रहती हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के इन ५ हॉस्टलों में से मात्र दो में बाउंड्रीवाल बनी है। सर्व शिक्षा अभियान के हॉस्टलों में तो सुरक्षा के और भी बदतर हालात हैं।
उल्लेखनीय है कि भोपाल में सामने छात्राओं के शोषण के बाद भी प्रशासन अलर्ट नहीं हुआ है। शिक्षा विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग बालिकाओं की सुरक्षा के लिए सक्रिय नहीं दिख रहे हैं।
छात्राओं को पलंग-बिस्तर भी नसीब नहीं
गुना में संभाग स्तरीय सहरिया आदिवासी समुदाय के लिए एकलव्य आवासी स्कूल संचालित है, लेकिन इस हॉस्टल में बेटियों के लिए पलंग और बिस्तर भी नसीब नहीं है। सूत्र बताते हैं कि यहां करीब 90 छात्राएं अध्ययनरत हैं और 50 पलंग ही उपलब्ध हैं। दो छात्राओं के बीच एक पलंग ही है। इससे उनकी पढ़ाई भी प्रभावित होती है। बताया जाता है कि छात्राओं के लिए आए पलंग कर्मचारियों ने अपने बंगलों में रख रखे हैं। कई कर्मचारियों ने तीन से पांच पलंग तक रख लिए है। इसके अलावा यहां बालिका हॉस्टल में अब तक सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगाए हैं। गुना करीब 5 किलोमीटर दूर संचालित हॉस्टल की सुरक्षा भी भगवान भरोसे है। बाईपास पर संचालित होने के बाद भी सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। यहां तक कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद इस हॉस्टल में निरीक्षण करने पहुंचे थे।
इसके बाद भी यहां समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा सका।
बायोमैट्रिक मशीनों को अता-पता नहीं
आरएमएसए के हास्टलों में बायोमैट्रिक मशीन लगाने के लिए आई थीं। इनको करीब १० माह हो चुके हैं। इससे छात्राओं की रियल टाइम उपस्थिति दर्ज की जाना है। लेकिन अब तक मशीनोंं को चालू नहीं किया गया है। गुना में संचालित हास्टल में १०० बालिकाएं रहती हैं। यहां कैमरा तो चालू हैं, लेकिन बायोमैट्रिक मशीन नहीं लगी है। यह हास्टल दूरस्त क्षेत्र में संचालित हैं। यहां पहुंचने का मार्ग भी ठीक नहीं है।

ये हैं हालात
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जिले में 5 हॉस्टल संचालित हैं, लेकिन अब तक दो हॉस्टलों में ही बाउंड्रीवॉल बन सकी है।
सर्व शिक्षा अभियान के कस्तूरबा बालिका छात्रावास और बालिका छात्रावास में 1० हॉस्टल हैं, इनमें से दो में बाउंड्री हैं। शेष में सुरक्षा भगवान भरोसे है।
हॉस्टलों की मॉनिटरिंग जिन अधिकारियों के भरोसे हैं, वह अक्सर जाते ही नहीं। छात्रावास की सुरक्षा खतरे में रहती है।
कुछ हॉस्टलों के अपने भवन नहीं हैं, स्कूलों में संचालित हो रही हैं। भवन बनने में देरी हो रही है।
&हमारे सीसीटीवी कैमरा लगाने के संबंध में कोई निर्देश नहीं आए हैं।
फिर भी मार्गदर्शन लिया जाएगा। पलंग के लिए डिप्टी कमिश्नर को लिखा है। कुछ दिनों में समस्या हल हो जाएगी।
-डीडी मिश्रा, प्राचार्य एकलव्य स्कूल
&छात्राओं की सुरक्षा के लिए वार्डन, सहायक वार्डन हैं। सीसीटीवी कैमरा चालू हैं। बायोमैट्रिक मशीन लग गई। खराब हो गई हों तो पता नहीं।
-संजय श्रीवास्तव, डीईओ
&आरएमएसए के हास्टल में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए आदेश आए थे, लगा दिए। फतेहगढ़ हास्टल में नहीं लगाए हैं। इसकी जानकारी भी मंगाई है। बायोमैट्रिक मशीन दे दी है, आधार की वजह से प्रोब्लम आ रही है।
-आशीष टांटिया, डीपीसी
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