गुना में संभाग स्तरीय सहरिया आदिवासी समुदाय के लिए एकलव्य आवासी स्कूल संचालित है, लेकिन इस हॉस्टल में बेटियों के लिए पलंग और बिस्तर भी नसीब नहीं है। सूत्र बताते हैं कि यहां करीब 90 छात्राएं अध्ययनरत हैं और 50 पलंग ही उपलब्ध हैं। दो छात्राओं के बीच एक पलंग ही है। इससे उनकी पढ़ाई भी प्रभावित होती है। बताया जाता है कि छात्राओं के लिए आए पलंग कर्मचारियों ने अपने बंगलों में रख रखे हैं। कई कर्मचारियों ने तीन से पांच पलंग तक रख लिए है। इसके अलावा यहां बालिका हॉस्टल में अब तक सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगाए हैं। गुना करीब 5 किलोमीटर दूर संचालित हॉस्टल की सुरक्षा भी भगवान भरोसे है। बाईपास पर संचालित होने के बाद भी सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। यहां तक कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद इस हॉस्टल में निरीक्षण करने पहुंचे थे।
बायोमैट्रिक मशीनों को अता-पता नहीं
आरएमएसए के हास्टलों में बायोमैट्रिक मशीन लगाने के लिए आई थीं। इनको करीब १० माह हो चुके हैं। इससे छात्राओं की रियल टाइम उपस्थिति दर्ज की जाना है। लेकिन अब तक मशीनोंं को चालू नहीं किया गया है। गुना में संचालित हास्टल में १०० बालिकाएं रहती हैं। यहां कैमरा तो चालू हैं, लेकिन बायोमैट्रिक मशीन नहीं लगी है। यह हास्टल दूरस्त क्षेत्र में संचालित हैं। यहां पहुंचने का मार्ग भी ठीक नहीं है।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जिले में 5 हॉस्टल संचालित हैं, लेकिन अब तक दो हॉस्टलों में ही बाउंड्रीवॉल बन सकी है।
सर्व शिक्षा अभियान के कस्तूरबा बालिका छात्रावास और बालिका छात्रावास में 1० हॉस्टल हैं, इनमें से दो में बाउंड्री हैं। शेष में सुरक्षा भगवान भरोसे है।
हॉस्टलों की मॉनिटरिंग जिन अधिकारियों के भरोसे हैं, वह अक्सर जाते ही नहीं। छात्रावास की सुरक्षा खतरे में रहती है।
कुछ हॉस्टलों के अपने भवन नहीं हैं, स्कूलों में संचालित हो रही हैं। भवन बनने में देरी हो रही है।
&हमारे सीसीटीवी कैमरा लगाने के संबंध में कोई निर्देश नहीं आए हैं।
-डीडी मिश्रा, प्राचार्य एकलव्य स्कूल
&छात्राओं की सुरक्षा के लिए वार्डन, सहायक वार्डन हैं। सीसीटीवी कैमरा चालू हैं। बायोमैट्रिक मशीन लग गई। खराब हो गई हों तो पता नहीं।
-संजय श्रीवास्तव, डीईओ
&आरएमएसए के हास्टल में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए आदेश आए थे, लगा दिए। फतेहगढ़ हास्टल में नहीं लगाए हैं। इसकी जानकारी भी मंगाई है। बायोमैट्रिक मशीन दे दी है, आधार की वजह से प्रोब्लम आ रही है।
-आशीष टांटिया, डीपीसी