खास खबर: pm awas yojana : जांच में सामने आई हकीकत, पोर्टल पर गलत जानकारी देकर ले रहे थे आवास
शिकायत भी दर्ज कराई थी
ठेकेदार की इस लापरवाही को लेकर वहां के लोगों ने कुछ दिन पूर्व अपनी शिकायत भी दर्ज कराई थी। हालांकि पुलिस ने मामले में मर्ग कायम विवेचना शुरू कर दी है। इसके बाद ही तय होगा कि आखिर लापरवाही किसकी रही। यह बात अलग है कि पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने कहा है कि सक्षम की मौत के मामले में ठेकेदार की गलती निकली तो उसको कतई छोड़ा नहीं जाएगा।
पार्क में बॉल से खेल रहा था
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कैंट थाने में पदस्थ आरक्षक जितेंद्र गुर्जर का इकलौता पुत्र सक्षम, जो कक्षा 4 का छात्र है। गुरुवार की रात पुलिस लाइन क्षेत्र में स्थित पार्क में अन्य बच्चों के साथ बॉल से खेल रहा था तभी बॉल नजदीक में चल रहे निर्माण कार्य के बीच पहुंच गई। जिसे अन्य बच्चे उठा भी लाए थे लेकिन सक्षम को यह पता नहीं था इसलिए वह बॉल लेने उधर चला गया तभी जमीन पर पड़ा तार अचानक उसके हाथ को छू गया और वह वहीं बेहोश होकर गिर पड़ा।
जब काफी देर तक बच्चों को संभव नहीं दिखा तब उन्होंने उसे ढूंढा और उसका पता चला। तत्काल संभव को लेकर वहां मौजूद लोग जिला अस्पताल आए लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। जिसके बाद अस्पताल परिसर में काफी गमगीन माहौल हो गया। संभव का पोस्टमार्टम शुक्रवार सुबह किया गया।
चारों ओर से बिना बैरिकेटिंग के चल रहा था निर्माण
कैंट स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के ठीक पीछे पुलिस लाइन इलाके में इन दिनों वृद्धाश्रम का निर्माण चल रहा है। जहां नींव के लिए गहरे- गहरे गड्ढे खोदे गए हैं। आरसीसी के पिलर खड़े हुए हैं। निर्माण स्थल पर विद्युत खंभे व डीपी लगी हुई है। जिससे सीधे तार डालकर निर्माण स्थल पर कार्य किया जा रहा है। विद्युत तार जमीन पर बिछे हुए हैं।
टीनशेड तक नहीं लगाई गई थी
यही कारण रहा कि डीपी से निकला हुआ तार जमीन पर पड़ा था जो संभव को करंट लगने का कारण बना। यहां बता दें कि नियमानुसार निर्माण कार्य करते समय सुरक्षा के मद्देनजर चारों ओर टीनशेड लगाकर इलाके को कवर्ड किया जाता है ताकि बाहरी लोग प्रवेश न कर सकें और इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके। लेकिन मौके पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं मिले। बल्कि ट्यूबवैल से निकले तार भी जमीन पर ही डले हुए थे। जिससे किसी अन्य को भी करंट लग सकता है।
ठेकेदार की लापरवाही बताई पुलिस कर्मियों ने
पुलिस लाइन में रहने वाले दो-तीन पुलिसकर्मियों ने बताया कि पहले डीपी दो खंभों पर रखी थी, जिसे बाद में किसी कारण से वहां से हटाकर अन्य जगह पर रख दिया गया। यह काम विद्युत ठेकेदार द्वारा न किया जाकर भवन निर्माण के ठेकेदार द्वारा किया गया। यही कारण रहा कि डीपी से निकला हुआ तार जमीन पर पड़ा था जो संभव को करंट लगने का कारण बना।
दुर्घटनाओं से बचा जा सके
यहां बता दें कि नियमानुसार निर्माण कार्य करते समय सुरक्षा के मद्देनजर चारों ओर टीनशेड लगाकर इलाके को कवर्ड किया जाता है ताकि बाहरी लोग प्रवेश न कर सकें और इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके। लेकिन मौके पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं मिले। बल्कि ट्यूबवैल से निकले तार भी जमीन पर ही डले हुए थे। जिससे किसी अन्य को भी करंट लग सकता है।