इस विधानसभा क्षेत्र के विधायक महेन्द्र सिंह सिसौदिया प्रदेश सरकार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री भी हैं। उन्होंने भी इस पूरे मामले की जानकारी लेकर बीमार लोगों के उचित इलाज के निर्देश दिए हैं। पत्रिका टीम मंगलवार को जब भिडऱा ग्राम पंचायत के उमरदा गांव में पठार के पास पहुंची तो वहां आदिवासियों की बस्ती में दहशत का माहौल बना हुआ था।
पत्रिका टीम की पड़ताल में सामने आया कि तीन-चार दिन से आदिवासियों-सहरियों के हर घर में कोई न कोई न उल्टी-दस्त बीमारी का शिकार है। फतेहगढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की टीम लेकर कई अफसर गांव पहुंचे और बीमारों को जिला अस्पताल भी भेजा। कई को दवाई भी उपलब्ध कराई।
इधर, उल्टी-दस्त के शिकार हुए 35 वर्षीय बचन सहरिया की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। परिजनों ने आरोप लगाया कि एम्बुलेंस को कॉल किया, समय पर एम्बुलेंस पहुंच जाती तो बचन की जान बच जाती। इस गांव की ग्राम पंचायत भिड़रा है, 380 के करीब यहां की वोटिंग है। अधिकतर घरों में ट्यूवबेल हैं।
फतेहगढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी केपी किरार के अनुसार बीमारी से एक की मौत और कई लोगों के बीमार होने की जानकारी है। एम्बुलेंस के समय पर न पहुंचने की जांच करा रहे हैं। एसडीएम वीरेन्द्र सिंह बघेल ने कहा कि मृतक बचन के परिजनों की हर संभव मदद की जाएगी।