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बंद रहता है अस्पताल

locationगुनाPublished: Dec 16, 2018 08:11:15 pm

Submitted by:

brajesh tiwari

जिले की ग्राम पंचायत धरनावदा सहित आसपास के 10 गांव के ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित बने हुए हैं। क्योंकि इतनी बड़ी आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा धरनावदा के उपस्वास्थ्य केंद्र पर है।

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जिले की ग्राम पंचायत धरनावदा सहित आसपास के 10 गांव के ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित बने हुए हैं। क्योंकि इतनी बड़ी आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा धरनावदा के उपस्वास्थ्य केंद्र पर है।

धरनावदा. जिले की ग्राम पंचायत धरनावदा सहित आसपास के 10 गांव के ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित बने हुए हैं। क्योंकि इतनी बड़ी आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा धरनावदा के उपस्वास्थ्य केंद्र पर है। जानकारी के अनुसार एएनएम के पद तो दो हैं लेकिन वर्तमान में यहां एएनएम ही पदस्थ हैं, क्योंकि दूसरी एएनएम का रिटायरमेंट हो गया है तब से ही एक पद खाली बना हुआ है। जिसे भरने का प्रयास स्वास्थ्य महकमे ने अब तक नहीं किया है। जिससे यहां पदस्थ एक एएनएम पर ही अतिरिक्त कार्यभार आ गया है। ऐसे में न तो उपस्वास्थ्य केंद्र नियमित रूप से खुल पा रहा है और न ही टीकाकरण व अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं ग्रामीणों को मिल पा रही हैं। वहीं दूसरी ओर इस असुविधा के लिए जिम्मेदार अधिकारी स्टाफ की कमी बताकर अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ रहे हैं। जबकि स्टाफ और सुविधाओं के अभाव में ग्रामीणों को इलाज के लिए यहां-वहां भटकना पड़ रहा है। खास बात यह है कि इस बात से अधिकारी बेपरवाह हैं। परिणामस्वरूप धरनावदा सहित आसपास के 10 गांव के ग्रामीण समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने से शासन व प्रशासन के प्रति काफी नाराज हैं।
रेलवे फाटक ने बढ़ाई मरीजों की परेशानी
तीन गांव से मिलकर बनी ग्राम पंचायत धरनावदा तथा इसी पंचायत से लगे हुए 10 गांव ऐसे हैं जहां के ग्रामीण मरीजों के इलाज का जिम्मा धरनावदा उपस्वास्थ्य केंद्र पर है। लेकिन यहां पर्याप्त सुविधाएं न होने से लोगों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को डिलेवरी कराने व दुर्घटना व लड़ाई झगड़े में घायल व्यक्ति का समय पर इलाज कराने में आ रही है। क्योंकि इस तरह के मरीज को यदि रठियाई स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाता है तो रास्ते में रेलवे ट्रेक पड़ता है, जहां कई सालों बाद भी अंडर ब्रिज नहीं बनाया जा सका है। यही कारण है कि प्रसूति महिलाओं सहित गंभीर घायलों को रेलवे फाटक पर करीब एक घंटे तक रुकना पड़ता है। यह स्थिति सबसे ज्यादा कष्टदायक साबित हो रही है। लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी आबादी परेशानी का सामना कर रही है, ऐसे में जिला प्रशासन व शासन को अंडर ब्रिज बनाने या धरनावदा उपस्वास्थ्य केंद्र पर सुविधाएं बढ़ाने पर गंभीरता से गौर करना चाहिए।

यह बोले ग्रामीण
अस्पताल पर कई माह से सिर्फ एक ही एएनएम है। जिससे स्वास्थ्य केंद्र रोजाना नहीं खुलता है। अन्य ग्रामीणों को जरुरी दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। सबसे ज्यादा परेशानी डिलेवरी वाली महिलाओं को आ रही है। मजबूरी में यदि रुठियाई अस्पताल ले जाते हैं तो रास्ते में पडऩे वाला रेलवे फाटक पर एक घंटे का इंतजार करना पड़ता है।
अनिल साहू, ग्रामीण

क्या कहते हैं अधिकारी
पस्वास्थ्य केंद्र पर दो एएनएम का स्टाफ रहता है। लेकिन धरनावदा में अभी एक ही है। जिसे टीकाकरण व इन दिनों चल रहे नसबंदी शिविर का काम भी देखना पड़ता है। इसलिए स्वास्थ्य केंद्र नियमित खुलने पर परेशानी आ रही है। स्टाफ की कमी तो सभी जगह है, फिर भी हम प्रयास कर रहे हैं।
डॉ मुकेश शर्मा, बीएमओ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राघौगढ़
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