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कलेक्टर से की शिकायत, समस्या बनी है जस की तस

locationगुनाPublished: Jan 30, 2019 08:16:23 pm

Submitted by:

brajesh tiwari

जिला अस्पताल परिसर में ही संचालित आयुष विंग अस्पताल बीते काफी समय से उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। स्थिति यह है आयुष विंग के हॉस्पिटल के मुख्य द्वार पर सीवर की गंदगी तो छतों से मूत्र रिस रहा है।

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आयुष विंग के हॉस्पिटल के मुख्य द्वार पर सीवर की गंदगी रिस रहा है।

गुना. जिला अस्पताल परिसर में ही संचालित आयुष विंग अस्पताल बीते काफी समय से उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। स्थिति यह है आयुष विंग के हॉस्पिटल के मुख्य द्वार पर सीवर की गंदगी तो छतों से मूत्र रिस रहा है। ऐसे कष्टदायक माहौल में आयुष विंग स्टाफ अपनी ड्यूटी पूरी तन्मयता से दे रहा है। स्टाफ का कहना है कि वे इस समस्या को लेकर एक बार नहीं बल्कि कई बार पीडब्ल्यूडी से लेकर कलेक्टर तक को लिखित शिकायत कर चुके हैं लेकिन आज तक कुछ नहीं हो सका है। हाल ही में जिला अस्पताल का निरीक्षण करने आए हैल्थ डायरेक्टर बीएन चौहान को भी इधर नहीं आने दिया जिससे वे यह इस हकीकत से परिचित नहीं हो पाए। जानकारी के मुताबिक आयुष विंग अस्पताल कहने को तो जिला अस्पताल परिसर में ही स्थित है लेकिन इसका भवन अस्पताल के अंदरुनी हिस्से में है इसलिए इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा पाता। यही कारण है कि आयुष विंग लगातार उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। जिस अस्पताल में लोग अपनी बीमारी का इलाज कराने आते हैं वहां लोगों को सीवर की तीव्र गंध सूंघना पड़ रही है। इसी स्थिति का सामना स्टाफ को तो पूरे समय ही करना पड़ता है। आयुष विंग में पदस्थ डॉक्टर व स्टाफ ने बताया कि मुख्य द्वार पर ही सीवर का बड़ा चैंबर है, हो फुल हो चुका है। इसे खाली करने के लिए सफाई कर्मियों ने एक जगह से बड़ा छेद कर दिया है जहां से पूरे समय तीव्र गंध आती रहती है। यही नहीं आयुष विंग की दूसरी मंजिल पर ट्रॉमा सेंटर वार्ड का टॉयलेट है। जिसमें जब भी मरीज या अटैंडर जाता है तो मूत्र छत से रिसकर आयुष विंग के कक्षों में टपकने लगता है। यह स्थिति एक नहीं बल्कि तीन कक्षों में है। जिसकी वजह से स्टाफ इनका उपयोग मरीज के इलाज व अन्य काम के लिए नहीं कर पा रहा है। इसी तरह दूसरी मंजिल पर स्थित वार्ड की खिड़कियां टूटी हैं जहां से मरीज, अटैंडर कचरा आयुष विंग परिसर में फेंकते हैं।
इनका कहना है
आयुष विंग अस्पताल लगातार उपेक्षा का शिकार है। मुख्य द्वार पर ही सीवर टैंक है, जिसमें से पूरे समय बदबू आती रहती है। छत से भी मरीजों का मूत्र रिसता है। स्थिति अन्य कक्षों में भी है। इस संबंध में पीडब्ल्यूडी से लेकर कलेक्टर तक को कई लिखित शिकायत कर चुके हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ।
अंकेश अग्रवाल, चिकित्सक जिला आयुष विंग गुना

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