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कोरोना कर्फ्यू ने छीना धार्मिक स्थलों के दुकानदारों का रोजगार

जिला मुख्यालय से लेकर अंचल में कोरोना कर्फ्यू का विरोधधार्मिक स्थलों के दुकानदार, फुटपाथ विक्रेता, कपड़ा व्यवसायी व डीजे संचालकों ने अपने-अपने तरीके से जताई नाराजगी

गुनाApr 16, 2021 / 12:41 am

Narendra Kushwah

कोरोना कफ्र्यू ने छीना धार्मिक स्थलों के दुकानदारों का रोजगार

कोरोना कफ्र्यू ने छीना धार्मिक स्थलों के दुकानदारों का रोजगार

गुना. पहले दिन से ही जिला मुख्यालय से लेकर अंचल में कोरोना कर्फ्यू को लेकर विरोध सामने आने लगा है। गुरुवार को विभिन्न क्षेत्रों के व्यापारी व दुकानदार सड़क पर उतर आए। इनमेंं हाट बाजार में फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले दुकानदारों के अलावा शादी समारोह से जुड़े व्यवयायी शामिल हैं। कर्फ्यू के विरोध में जिला मुख्यालय सहित आरोन, मधुसूदनगढ़ में भी व्यापारियों ने ज्ञापन सौंपे। इस दौरान जहां हाट बाजार फुटपाथ दुकानदार यूनियन द्वारा पूर्व कार्यक्रम के अनुसार दुकानें लगाने की मांग को लेकर रैली निकाली। वहीं शादी समारोह से जुड़े दुकानदारों ने कलेक्टोरेट में धरना दिया। वहीं फुटपाथ विक्रेताओं का बड़ी संख्या में जमावड़ा सुबह से ही बूढ़ेबालाजी पर होने लगा था। यहां से दुकानदार रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां पुलिस ने धारा 144 का हवाला देकर हनुमंता मंदिर के निकट ही रोक दिया। इस दौरान फुटपाथ दुकानदारों और पुलिस के बीच जमकर बहस भी हुई।

प्रशासन के विरोध में मंदिर के बाहर दिया धरना
कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या से बिगड़ते हालातों को प्रशासन सख्ती बरतकर काबू करने का प्रयास कर रहा है। लेकिन यह सख्ती कुछ लोगों के रोजगार पर गंभीर संकट खड़ा कर रही है। ये हैं धार्मिक स्थलों के बाहर दुकान लगाकर अपने परिवार की आजीविका चलाने वाले जरुरतमंद दुकानदार। जिन्होंने गुरुवार को एकत्रित होकर रैली निकालकर शहर के बूंढ़ेबालाजी मंदिर के सामने धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया। दुकानदारों का कहना था कि यदि उन्हें दुकान लगाने की अनुमति नहीं दी जा रही है तो उन्हें परिवार चलाने राहत राशि दी जाए।
यहां बता दें कि 13 अप्रैल को गुना जिले में एक ही दिन में 136 कोरोना पॉजिटिव केस आए थे। जिसके बाद अगले दिन 14 अप्रैल को आयोजित आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में जो निर्णय लिए गए उसके तहत जिले में 21 अप्रैल सुबह 6 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। इस दौरान सभी धार्मिक स्थलों पर दुकान लगाने की अनुमति नहीं दी गई। मंदिर में केवल पुजारी को ही पूजा करने की छूट दी गयी है। वहीं नागरिकों का मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। चैत्र नवरात्रि शुरू हो गई है। इस अवसर जिलेभर के माता मंदिरों पर मेले लगाए जाते थे। बड़ी संख्या में अन्य दुकानें भी लगाईजाती थीं।लेकिन कोरोना संक्रमण की गंभीर स्थिति को देखते हुए पिछले साल की तरह ही इस बारभी मेलों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। ऐसे में सैकड़ों दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। दुकानदारों ने तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्या से अवगत कराया।
कोरोना कर्फ्यू के चलते रोजगार छिनने से दुखी आधा सैकड़ा से अधिक दुकानदारों ने प्रशासन के खिलाफ रैली निकालकर तीखा विरोध दर्ज कराया। बड़ी संख्या में फुटकर विक्रेता बूढ़े बालाजी मंदिर के सामने धरने पर बैठ गए। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें समझाने की काफी कोशिश की लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद सीएसपी और तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर समझाने का प्रयास किया। इस दौरान दुकानदारों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि कई दुकानदारों ने बैंक से लोन ले रखा है। पिछले वर्ष भी किश्त न भर पाने के कारण पेनल्टी लग गयी थी। अब इस बार भी दुकानें नहीं लग पा रही हैं।ऐसे हालातों में वे अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करेेंगे।

फुटपाथ विक्रेताओं को पुलिस ने रोका तो बैठ गए धरने पर
कोरोना कर्फ्यू से बुरी तरह प्रभावित हुए फुटकर विक्रेता अपनी फरियाद सुनाने कलेक्ट्रेट पहुंचे तो उन्हें वहां तैनात पुलिसकमियों ने रोक दिया। जिससे नाराज होकर विक्रेता वहीं धरने पर बैठ गए। जिसके बाद तहसीलदार आए और उन्होंने फुटकर विक्रेताओं की समस्या सुनकर ज्ञापन लिया।जिसमें उन्होंने कहा कि हनुमान टेकरी पर शनिवार, मंगलवार और बीस भुजा, निहाल देवी आदि मंदिरों पर नवरात्रि पर कोरोना गाइडलाइन के हिसाब से दुकानें लगाने की अनुमति दी जाए। उन्होंने तर्क दिया कि एक तरफ जहां दमोह में चुनावों के चलते कोई लॉकडाउन नहीं हैं। वहीं कुंभ मेले में धर्म के नाम पर लाखों की भीड़ जमा हो रही है, वहां भी कोरोना नहीं है तो फिर जिले में क्यों कोरोना के नाम पर हजारों दुकानदारों को बेरोजगार किया जा रहा है। सभी दुकानदारों को कोरोना गाइड लाइन के हिसाब से दुकानें खोलने की अनुमति दी जाए। यदि दुकानें बंद करना जरूरी भी है तो पहले सभी फुटपाथ दुकानदारों को खाद्यान्न किट उपलब्ध कराया जाएं। जिसमें 10 किलो आटा, तेल, दाल, चावल, नमक, मिर्च मसाला हो। इसके अलावा कोरोना संकट में बिलजी के बिल, स्वयं सहायता समूहों की किश्त, बैंकों के कर्ज की किश्तें, साहूकारों द्वारा दिए गए कर्ज की वसूली पर सख्ती से रोक लगे। वहीं सभी प्रकार के व्यवसाय करने वालों को राहत राशि दी जाए।
डीजे साउण्ड एसोसिएशन ने कहा, बीच का रास्ता निकाले प्रशासन
कफ्र्यू के दौरान लगाई गईं बंदिशों से ठप होते व्यवसाय से परेशान जिला लाइट एवं डीजे साउण्ड एसोसिएशन के बैनर तले व्यवसायियों ने गुरुवार को कलेक्टोरेट में धरना दिया। जिसके बाद कलेक्टर के नाम दिए ज्ञापन में व्यापारियों ने कहा कि पिछले साल लगाए गए लॉकडाउन के कारण उनका व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो गया था। यदि इस साल यह रोक नहीं हटाई गई तो साउण्ड, डीजे एवं लाइट व्यवसायियों के समक्ष भूखा मरने की नौबत आ जाएगी। ज्ञापन में मांग की गई कि डीजे, साउण्ड एवं लाइट व्यापार को पूर्णत: बंद न करके कोई बीच का रास्ता निकाला जाए। जिससे कोरोना काल में नियमों का भी पालन हो सके। उनका सीजन मात्र दो महीने का है। प्रशासन बारातियों की संख्या निर्धारित करें, जिसका हम पालन करेंगे।

कर्फ्यू के विरोध में कपड़ा, ज्वेलर्स, जनरल स्टोर्स भी
आरोन . जिले भर में 21 अप्रैल तक जारी कर्फ्यू के खिलाफ कस्बे में व्यापारी लामबंद हो गए हैं। उनका कहना है कि किराना, दूध आदि को छोड़कर जनरल स्टोर, जूता, ज्वैलरी, कपड़ा, हार्डवेयर आदि व्यवसायियों को दुकान खोलने की किसी प्रकार की अनुमति नहीं है। इससे इन व्यवसाय को करने वाले व्यापारियों में रोष व्याप्त है। व्यापारी एसोसिएशन के संजीव रामपुर ने बताया कि पिछले वर्ष लागू लॉकडाउन के बाद से ही व्यापारी नुकसान से अभी उबर भी नहीं पाए थे कि इस बार कोरोना के कारण फिर से कर्फ्यू घोषित कर दिया गया है, इससे व्यापारियों का व्यापार प्रभावित हो रहा है। जबकि व्यापारियों की प्रत्येक दुकान से कई लोगों को रोजगार मिलता है।ज्ञापन के जरिए व्यापारियों ने मांग की है कि जिस प्रकार से किराना आदि व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों को कर्फ्यू में सुबह 6 से 12 बजे तक व्यापार करने की छूट दी गई है, उसी प्रकार से सभी व्यवसाय करने वाले व्यापारियों को छूट दी जाए। जिससे वे अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें। इसी मांग को लेकर गुरुवार को अन्य व्यवसाय करने वाले समस्त व्यापारियों ने इक_ा होकर स्थानीय एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से व्यापारियों ने यह मांग की है कि व्यवसाय के माध्यम से भरण पोषण करने बाले व्यवसायियों के साथ में न्याय करते हुए उन्हें भी अपने व्यवसाय खोलने की अनुमति प्रदान की जाए।

नियमों के साथ दुकानें खोलने की दी जाए परमिशन
मधुसूदगनढ़। कोरोना कर्फ्यू के खिलाफ अंचल के व्यवसायी भी एकजुट हो गए हैं। कोरोना कफ्र्यू में दुकानें खोलने में राहत देने की मांग को लेकर कस्बे के वस्त्र एवं सर्राफा व्यवसायी संघ ने कलेक्टर के नाम स्थानीय प्रशान को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया कि जैसे किराना व्यापारियों को छूट दी गई है वैसे ही छूट अन्य व्यापारिक संगठनों को भी दी जाएं। पिछले वर्ष वस्त्र एवं सर्राफा व्यवसाय बंद रहने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब है। ज्ञापन में नियमों के साथ दुकानें खोलने की मांग की गई।

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