दिग्विजय सिंह ने उनकी मांगों को लेकर उच्च स्तर पर चर्चा कराने का भरोसा दिलाया और कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार इन दिव्यांगों के साथ अन्याय कर रही है। दो मंत्रियों से मिले आश्वासन और कलेक्टर के निर्देश पर गुना एसडीएम और तहसीलदार इनसे सर्किट हाउस में ही ज्ञापन लेकर आंदोलन खत्म करने का आग्रह करते रहे। लेकिन दिव्यांगों में आपसी सहमति नहीं बनी और अंत में निर्णय लिया कि कलेक्ट्रेट पहुंचकर ही कलेक्टर को अपना मांगपत्र देंगे। इनके इस निर्णय के बाद कलेक्ट्रेट का मुख्य द्वार ही बंद कर दिया।
दिव्यांग कलेक्ट्रेट के अंदर जाकर कलेक्टर को ही ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन वे नहीं माने। काफी देर माहौल गरमाया रहा। इसके बाद मुख्य गेट पर डिप्टी कलेक्टर आरबी सिण्डोस्कर को ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही 28 फरवरी से शुरू हुई दिव्यांग स्वाभिमान यात्रा का समापन हुआ। प्रशासन ने बसों के जरिए इन दिव्यांगों को जज्जी बस स्टैंड भेजा, जहां से वे अपने-अपने गंतव्य स्थान के लिए रवाना हो गए। दिव्यांगों के बीच गुना तहसीलदार सिद्वार्थ भूषण शर्मा पहुंचे और उनसे आग्रह किया कि दो-दो मंत्रियों ने आपकी मांग और पीड़ा सुन ली है, आप यहीं एसडीएम साहब को ज्ञापन देकर अपना आंदोलन खत्म कर दें। उनका कहना था कि हम कलेक्ट्रेट ही पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन देंगे। हमारी मांग पर मंत्रियों ने आश्वासन दिया है, ऐसे आश्वासन पूर्व में भी मिलते रहे हैं। हमारी मांगों का जल्द निराकरण किया जाए। इसलिए इस बार हमें आश्वासन नहीं, फैसला ही चाहिए।
18 मांगें नहीं हो सकती स्वीकारप्रदेश सरकार के मंत्री महेन्द्र सिहं सिसौदिया और डॉ. प्रभुराम चौधरी ने इनके पड़ाव स्थल सर्किट हाउस पर दिव्यांगों से चर्चा करते हुए कहा कि आपकी सभी 18 मांगों को सरकार एकदम स्वीकार नहीं कर सकती है। आपकी जो मांगें हैं उन पर पांच लोगों का प्रतिनिधि मंडल भोपाल चलकर मुख्यमंत्री से चर्चा करा सकते हैं। दिव्यांगों ने चर्चा के लिए सहमति दी। साथ ही यह भी कहा कि मांगों को 31 मार्च तक नहीं माना तो हम 31 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे।
भरी दोपहरी में दिव्यांगों सर्किट हाउस से घिसटकर, रेंगते हुए, ट्रायसिकल के जरिए कलेक्ट्रेट की ओर बढ़े। इसके बाद वे कलेक्ट्रेट पहुंचे तो एसडीएम वीरेन्द्र सिंह बघेल और गुना शहरी तहसीलदार सिद्वार्थ भूषण शर्मा और सीएसपी श्वेता गुप्ता मुख्य द्वार पर बैठे थे। वे दिव्यांगों से ज्ञापन यहीं देने की बात कहते रहे, लेकिन दिव्यांग कलेक्टर के चेम्बर के बाहर ज्ञापन देने पर अड़े रहे।
18 मांगें नहीं हो सकती स्वीकारप्रदेश सरकार के मंत्री महेन्द्र सिहं सिसौदिया और डॉ. प्रभुराम चौधरी ने इनके पड़ाव स्थल सर्किट हाउस पर दिव्यांगों से चर्चा करते हुए कहा कि आपकी सभी 18 मांगों को सरकार एकदम स्वीकार नहीं कर सकती है। आपकी जो मांगें हैं उन पर पांच लोगों का प्रतिनिधि मंडल भोपाल चलकर मुख्यमंत्री से चर्चा करा सकते हैं। दिव्यांगों ने चर्चा के लिए सहमति दी। साथ ही यह भी कहा कि मांगों को 31 मार्च तक नहीं माना तो हम 31 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे।
भरी दोपहरी में दिव्यांगों सर्किट हाउस से घिसटकर, रेंगते हुए, ट्रायसिकल के जरिए कलेक्ट्रेट की ओर बढ़े। इसके बाद वे कलेक्ट्रेट पहुंचे तो एसडीएम वीरेन्द्र सिंह बघेल और गुना शहरी तहसीलदार सिद्वार्थ भूषण शर्मा और सीएसपी श्वेता गुप्ता मुख्य द्वार पर बैठे थे। वे दिव्यांगों से ज्ञापन यहीं देने की बात कहते रहे, लेकिन दिव्यांग कलेक्टर के चेम्बर के बाहर ज्ञापन देने पर अड़े रहे।