संस्थानों में रह रहे बालक बालिकाओं व बदियों से उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली। केयर सेंटर का औचक निरीक्षण किया।जिला न्यायाधीश शुक्ला ने नानाखेड़ी स्थित विशेेष दिव्यांग छात्रावास, बाल संप्रेक्षण गृह का औचक निरीक्षण कर उनके विश्राम कक्ष, शयन कक्ष, रसोई घर आदि की स्वच्छता जानी तथा रह रहे बच्चों के स्वास्थ्य की भी जानकारी ली। विशेष दिव्यांग छात्रावास में 21 व बाल संप्रेक्षण गृह में 16 बच्चे उपस्थित मिले।
जिला जेल के औचक निरीक्षण के दौरान पुरूष बंदियों के बैरक, महिला वार्ड का निरीक्षण किया तथा बंदियों से विधिक सहायता की उपलब्धता व उनकी समस्याओं के बारे में पूछा।
पुलिस तलाश कर रही थी वारंटी को, दूसरा वारंटी बोला- ‘साहब… मैं इसे जानता हूं
गुना. कोतवाली पुलिस के लिए सिरदर्द बना एक वारंटी दिलचस्प अंदाज में पकड़ा गया।
एसपी निमिष अग्रवाल द्वारा चलाए गए अभियान के तहत शहर कोतवाली टीआई अवनीत शर्मा द्वारा वारंटी पकडऩे के लिए एक महीने से आरक्षक को विभिन्न स्थानों पर दबिश देने के लिए भेजा रहा था। तमाम प्रयास करने के बावजूद वारंटी बृजेश पुत्र शिवचरण ओझा निवासी छघैरा थाना रन्नौद जिला शिवपुरी पुलिस के हाथ नहीं लग रहा था।
वारंटी को पकडऩे के लिए जगह-जगह हाथ-पैर मार रही पुलिस को अचानक सफलता हाथ लग गई। दरअसल, एक अन्य वारंटी के सामने कोतवाली पुलिस के आरक्षक सूर्येन्द्र मिश्रा फरार वारंटी बृजेश के संबंध में पूछताछ कर रहे थे। तभी उक्त वारंटी बोला- ‘साहब मैं इस बृजेश ओझा को जानता हूं। पकड़े गए वारंटी ने बताया कि पुलिस को छका रहा वारंटी बृजेश ओझा शिवपुरी जिले में नहीं, बल्कि गुना में ही एक फार्म हाऊस में काम कर रहा है।
पुलिस को यह जानकारी मिलने पर संबंधित फार्म हाऊस पर दबिश दी गई और बृजेश उनके हत्थे चढ़ गया। कोतवाली टीआई अवनीत शर्मा ने बताया कि इससे पहले वारंटी को पकडऩे के लिए पुलिस को शिवपुरी सहित आसपास के जिलों में भेजा गया था, लेकिन निराशा ही हाथ लगी थी। वारंटी को अंतत: आरक्षक सूर्येन्द्र मिश्रा ने गुना में ही स्थित फार्म हाऊस से गिरफ्तार किया।
बृजेश ओझा साल 2007 में चोरी के एक प्रकरण में न्यायालय से फरार चल रहा था। पुलिस अधीक्षक निमिष अग्रवाल लंबे समय से फरार चल रहे वारंटियों को पकडऩे अलग -अलग टीमों को निर्देशित कर रहे हैं, इसी क्रम में यह सफलता मिली है।