जरूरत के समय अस्पताल में नहीं मिलते डॉक्टर, घर पर दिखाने पर मांगते हैं फीस
वेतन ले रहे सरकार से लेकिन सेवाएं दे रहे घर पर
इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित न हों इसलिए अस्पताल परिसर में ही बनवाए आवास
डॉक्टर ने सरकारी आवास को बनाया निजी क्लीनिक !
आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों की बढ़ी परेशानी
गुना
Updated: August 06, 2022 02:22:27 pm
गुना/आरोन . जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं के बुरे हाल जिला मुख्यालय पर ही नहीं बल्कि ग्रामीण अंचल में भी हैं। हम बात कर रहे हैं राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र की अरोन तहसील मुख्यालय की। जहां के स्वास्थ्य केंद्र को शासन ने सिविल अस्पताल का दर्जा दिया है। इस हिसाब से यहां 8 डॉक्टर की पदस्थापना है। जिन्हें रहने के लिए अस्पताल परिसर में ही सरकारी आवास भी बने हैं। जहां उन्हें हर जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। इसके बावजूद कुछ डॉक्टर मरीजों को अपनी सेवाएं नहीं दे रहे हैं। जिससे मरीज काफी चिंतित और परेशान हैं। इन मरीजों ने ही पत्रिका को अपनी पीड़ा सुनाई। जिसके बाद जमीनी हकीकत जानने पत्रिका टीम जब आरोन अस्पताल पहुंची तो शिकायत सही पाई गई।
ओपीडी के समय में जिन डॉक्टर की ड्यूटी थी वे वहां बैठे हुए मिले लेकिन इनमें से डॉ महेश राजपूत गायब थे। इनके बारे में जब पूछताछ की तो पता चला कि वे अपने सरकारी आवास पर हंै। यहां आकर देखा तो वे मरीजोंं को देख रहे थे। जबकि इस समय उन्हें अस्पताल में मौजूद होना चाहिए था। मौके पर मिले कई मरीजों से बातचीत की गई, जिसमें उन्होंने बताया कि डॉ महेश अधिकाश्ंात: ओपीडी समय में भी अपने सरकारी आवास पर ही मरीजों को देखते हैं और उनसे 100 रुपए प्रति मरीज के हिसाब से शुल्क वसूलते हैं। मरीजों के अनुसार डॉ राजपूत की मनमानी का यह आलम है कि यदि कोई गंभीर मरीज रात के समय अस्पताल आ जाए तो वे सूचना मिलने के बाद भी मरीज को देखने अस्पताल नहीं आते। ऐसे में यदि मरीज उनके सरकारी आवास पर पहुंच जाए तो पहले तो वे काफी समय तक उठते ही नहीं हैं। जैसे तैसे उठ भी जाएं तो मरीज को देखने राजी नहीं होते। मरीज परिजन से कहते हैं यहां दिखाना है तो फीस देनी पड़ेगी नहीं तो जहां दिखाना हो वहां चले जाओ। डॉ राजपूत का इस तरह का व्यवहार उन मरीजों से है जो रात के समय बड़ी परेशानी में होते हैं। क्योंकि आरोन में ऐसे निजी अस्पताल या डॉक्टर नहीं हैं जो उन्हें रात के समय देख सकें। वहीं डॉ राजपूत शिशु रोग विशेषज्ञ हैं इसलिए ज्यादार लोग अपने बच्चों को दिखाने उनके पास जाते हैं।
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कौन कब आया पता न चले इसलिए खराब कर दी बायोमैट्रिक मशीन
सरकारी अस्पताल के डॉक्टर व अन्य स्टाफ समय पर आएं और जाएं। इसकी मॉनीटरिंग के लिए शासन ने बायोमैट्रिक मशीन से हाजिरी सिस्टम शुरू किया है। लेकिन आरोन के सिविल अस्पताल में यह व्यवस्था चालू नहीं है। जिन लोगों को बायोमैट्रिक मशीन से हाजिरी देने में परेशानी है उन्होंने कथित रूप से इस मशीन को खराब कर दिया है। इसी का फायदा वह स्टाफ उठा रहा है।
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यह बोले जिम्मेदार
मुझे आपके द्वारा यह जानकारी मिली है कि डॉ महेश राजपूत ओपीडी में नहीं बैठते तथा उन्हें लेकर मरीजों की जो भी शिकायत है, उसकी मैं जानकारी लेता हूं। जो भी सामने आएगा उसके अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
श्रीकृष्ण, बीएमओ सिविल अस्पताल आरोन

जरूरत के समय अस्पताल में नहीं मिलते डॉक्टर, घर पर दिखाने पर मांगते हैं फीस
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