scriptपत्रिका फोकस : एक साल बाद भी ठीक नहीं हुई जर्जर पुल-पुलियां और सड़क | Even after a year, the dilapidated bridges and roads did not recover | Patrika News

पत्रिका फोकस : एक साल बाद भी ठीक नहीं हुई जर्जर पुल-पुलियां और सड़क

locationगुनाPublished: Jul 03, 2022 12:48:19 am

Submitted by:

Narendra Kushwah

जिले से गुजरे स्टेट हाइवे पर सबसे ज्यादा हालात खराब

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गुना. सावधान ! यदि आप गुना जिले की सीमा के अंदर से गुजर रहे हंै तो होशियारी से जाएं, क्योंकि रास्ते में पड़ने वाले कई सड़क मार्गों सहित पुल-पुलियाओं की हालत बेहद जर्जर है। हाल ही में हुई बारिश के बाद यह मार्ग और भी ज्यादा खतरनाक हो गए हैं। ऐेसे में जरा सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। यहां बता दें कि अंचल से गुजरे स्टेट हाइवे पर कई वर्ष पुरानी पुल-पुलियां हैं, जिनकी ठीक से मरम्मत नहीं की गई है। जिसके कारण पुलों का डामर, गिट्टी उखड़ चुका है। आरसीसी के सरिए बाहर निकल आए हैं। सड़कों के साइडों में बहुत ज्यादा कटाव है। कुल मिलाकर बारिश के दिनों में इन मार्गों से निकलना खतरे से खाली नहीं है।
जानकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा गंभीर हालात राघौगढ़ से छबड़ा जाने वाले मार्ग के हैं। जहां वर्षों पुराना पुल बेहद जर्जर हालत में है। खास बात यह है कि इस पुल की लंबाई करीब आधा किमी है। जो इस क्षेत्र से निकली चौपेट नदी पर बना है। पिछले साल तेज और लगातार हुई बारिश में यह पुल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसे बारिश बंद होने के बाद ठीक से रिपेयर नहीं किया गया। तत्समय सड़क से जो डामर गिट्टी उखड़ गई थी, उसके ऊपर काली गिट्टी का चूरा डालकर मेंटरनेंस के नाम पर खानापूर्ति कर दी गई। यही वजह है कि वर्तमान में पुल की हालत खराब है। जगह-जगह लोहे के सरिए निकल रहे हैं। जरा सी बारिश होने पर पुल पर इतना पानी भर जाता है कि वाहन चालकों को न तो गड्ढे नजर आते हैं और न ही सरिए।

इसलिए यह मार्ग बेहद महत्वपूर्ण
राघौगढ़-छबड़ा मार्ग आवागमन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह रास्ता मध्यप्रदेश को राजस्थान से जोड़ता है। यही नहीं इस मार्ग से होकर एनएफएल और गेल के भारी वाहन सामान लेकर देश भर में जाते हैं। इनके सुगम आवागमन के लिए इस सड़क मार्ग सहित पुल की हालत ठीक होना बेहद जरूरी है। स्थानीय निवासी व वाहन चालकों के अनुसार हर साल बारिश के दिनों उन्हें इस मार्ग बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार तो ऐसे हालात बनते हंै कि 6 से 12 घंटे तक उन्हें सड़क पर ही खड़े रहना पड़ता है। क्योंकि इस पुल की ऊंचाई नदी के बहाव से बहुत कम 4 फीट है। इसलिए थोड़ी देर की बारिश में ही पुल के ऊपर से पानी जाने लगता है। चूंकि इस पुल की लंबाई करीब आधा किमी है इसलिए कोई भी वाहन चालक पुल के ऊपर से पानी गुजरते समय जाने का रिस्क नहीं लेता। आवागमन कई घंटे तक बंद रहने से उन्हें काफी आर्थिक और समय की हानि झेलनी पड़ती है। इसके अलावा राजस्थान की सीमा में स्थित डोंगर प्लांट के बड़े वाहन भी इसी रास्ते से जाते हैं।
एक गांव का दूसरे गांव से टूट जाता है संपर्क
फतेहगढ़-छवड़ा रोड स्थित कोहन पुल पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आता है। इस पुल का 15 साल के भीतर दो बार निर्माण तथा कई बार मेंटनेंस कार्य पर लाखों रुपए खर्च किए जा चुके हंै। इसके बावजूद पुल की हालत दयनीय है। बारिश के मौसम में इस पुल से होकर बमोरी की कई बड़ी नदियों का पानी निकलता है। जो पूरे बारिश के दौरान रास्ते में भरा रहता है।

इन गांवों को जोड़ने वाले रास्ते हो जाते हैं बंद
्रग्राम कोहन, आनापुरा, सेमरा, पाठी, पाखर, हमीरपुर, आजरोड़ा, रामनगर, पूरा, डूमावन आदि गांव का रास्ता कोहन पुल के ऊपर से महीनों तक पानी का जलस्तर कम ना होने के कारण बंद हो जाता है। कई बार तो हालत यह बनते हैं कि यदि इन गांवों में कोई हादसा हो जाए या किसी को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहगढ़ लाना हो तो राहत बचाव दल को भी नदी पार करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।
इसके अलावा बरसाती, मंगरोडा, राजपुरा, पड़ोंन की नदियों के रास्ते में पड़ने वाले सड़क मार्गों की हालत जर्जर है। जिसे एक साल बाद भी सुधारा नहीं जा सका है। ऐसे में यहां हादसे की आशंका बनी हुई है। बारिश के समय में कई बार इन नदियों पर बड़े हादसे हो चुके हैं।
ग्राम आनारथ पर स्थित नदी का पुल बीती बरसात में टूट कर नीचे गिर गया था। यह पुल स्टेट टाइम अंग्रेजों के जमाने का बना है। बीते साल बारिश में तेज बहाव के कारण पुल दो टुकड़ों में जमीन पर आ गिरा था। जिसे अभी तक नहीं बनाया गया है। यदि इस बार फिर लगातार बारिश होती है तो आनारथ गांव के उस पार रहने वाले ग्रामीणों को काफी परेशानी झेलनी पड़ेगी। वैकल्पिक व्यवस्था न होने पर लगभग 6 गांव का जिला व तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट जाएगा।

अनारथ पुल से प्रभावित होने वाले ग्राम
ग्राम पड़ोन, माना, केकड़ी, कर्राखेड़ा, बिरोली, नर्वदा, चितोड़ी, वर्धा, ढीमरपूरा आदि ।

जौहरी से अनारथ तक की सड़क खराब
बमोरी तहसील अंतर्गत ग्राम जौहरी से अनारथ तक की सड़क बेहद जर्जर हालत में है। इसके दोनों ओर की साइडें पिछली बारिश मे बुरी तरह से कट गई थीं। जिनकी हालत अब भी नहीं सुधरी है। वाहन चालक दिन में जब इस सड़क को देखते हैं तो उन्हें यह सोचकर डर लगता है कि रात के अंधेरे में इस मार्ग पर वाहन कैसे चलाते होंगे। अब तक संबंधित महकमे ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। रास्ता इतना खतरनाक हो गया है कि टू व्हीलर और फोरव्हीलर वाहन चालक अपनी जान जोखिम में डालकर इन मोड़ पर चल रहे हैं।
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