प्रशासन उदासीन बना हुआ है
नतीजतन पात्र हितग्राही भी आधार के चक्कर में सरकार की जनहितैषी योनजाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। उपभोक्ताओं की यह परेशानी इसलिए और ज्यादा बढ़ गई है क्योंकि हाल ही में तहसील परिसर में संचालित आधार सेंटर भी बंद हो गया है। जबकि प्रधान डाकघर में पहले से ही आधार का काम बंद है। वहीं चिन्हित बैंकों में स्टाफ उपभोक्ताओं को भ्रमित कर चलता किया जा रहा है। ऐसे में लोगों के समक्ष गंभीर संकट पैदा हो गया है। वहीं प्रशासन उदासीन बना हुआ है।
अपडेट कराना बहुत मुश्किल साबित हो रहा
जानकारी के मुताबिक कई साल पहले सरकार ने शहर ही नहीं गांव गांव में चलित आधार सेंटर खोलकर लोगों के आधार पंजीयन तो करा दिए। लेकिन इस दौरान यह मॉनीटरिंग नहीं की गई कि पंजीयन के दौरान उपभोक्ता की सही जानकारी अंकित की जा रही है या नहीं। यही कारण रहा कि अधिकांश उपभोक्ताओं के आधार कार्ड में अब त्रुटियां सामने आ रही हैं। जिन्हें अपडेट कराने के लिए अब उपभोक्ता परेशान हैं। क्योंकि अब एक तो आधार सेंटर की संख्या में बहुत कम बची है। जहां एक ही दिन आधार बनवाने से लेकर अपडेट कराना बहुत मुश्किल साबित हो रहा है।
आधार सेंटर पर ताला लग गया
जानकारी के मुताबिक यूआईडी ने पिछली गलतियों से सबक लेते हुए अब आधार पंजीयन के नियम काफी सख्त कर दिए हैं जिसका असर उपभोक्ताओं के साथ साथ आधार सेंटर पर काम करने वाले ऑपरेटर (सुपरवाइजर) पर भी पड़ा है। यही कारण है कि 15 दिन के अंदर दर्जनों ऑपरेटर्स की आईडी ब्लॉक हो गई। जिससे कई आधार सेंटर पर ताला लग गया है।
पुरानी कलेक्ट्रेट के आधार सेंटर पर सिर्फ एक ऑपरेटर
आधार पंजीयन कार्य में लगातार मिल रही गलतियों के चलते हाल ही में यूआईडी ने कई ऑपरेटर्स की आईडी ब्लॉक कर दी है। जिसका असर यह है कि पुरानी कलेक्ट्रेट में संचालित आधार सेंटर पर मात्र एक ही ऑपरेटर बचा है जबकि यहां बीते दिनोंं तीन ऑपरेटर आधार पंजीयन कर रहे थे। वहीं सबसे ज्यादा उपभोक्ताओं वाला तहसील कार्यालय का आधार सेंटर बंद हो गया है।
एक दिन में बनते हैं सिर्फ 30
यूआईडी की सख्ती के बाद ऑपरेटर आधार पंजीयन में बहुत ध्यान दे रहे हैं। यही कारण है कि वे दिन भर में मुश्किल से 30 ही आधार पंजीयन कर पा रहे हंै। ऐसे में शहर सहित दूरस्थ ग्रामीण अंचल से आने वाले लोग लाइन में लगने के बाद भी निराश होकर लौट रहे हैं।
बैंकों में यह आ रही परेशानी
गुना शहर में 7 बैंकों को आधार सेंटर के लिए चिन्हित किया गया है। लेकिन इनका लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रहा है। क्योंंकि पहले तो बैंक स्टाफ को भीड़ पसंद नहीं है इसलिए वे एक साथ उपभोक्ताओं को अंदर ही नहीं आने देते। वहीं टोकन बांटने का समय भी सुबह साढ़े 10 का निर्धारित किया गया है। ऐसे में जो उपभोक्ता इस समय पर नहीं आ पाता उसे टोकन नहीं दिया जाता। वहीं कुछ बैंकों में उपभोक्ताओं से यह कह दिया जाता है कि हमारे यहां नए आधार नहीं बनाए जाते सिर्फ अपडेट और लिंक किए जाते हैं।
यह बोले जिम्मेदार
आधार पंजीयन में लगातार मिल रही गलतियों के कारण यूआईडी द्वारा उक्त ऑपरेटर्स की आईडी ब्लॉक की गई हैं, जिससे तहसील व पोस्ट ऑफिस का आधार सेेंटर बंद हुआ है। नए ऑपरेटर्स (सुपरवाइजर) के लिए हमारे पास आवेदन आए हैं। संपूर्ण प्रक्रिया के बाद ही नई व्यवस्था हो पाएगी।
गौतम श्रीवास्तव, प्रबंधक ई-गर्वेनेंस गुना