केंद्र पर एक भी बच्चा नहीं
आंगनवाड़ी केंद्र सैय्यदपुरा में 112 बच्चों का वजन किया है, लेकिन सोमवार को केंद्र पर एक भी बच्चा नहीं मिला। कार्यकर्ता केंद्र पर बैठी मिली, लेकिन सहायिका और बच्चे नहीं मिले। आंगनवाड़ी केंद्र बांसखेड़ी की पहली आंगनवाड़ी में 20 बच्चे दर्ज हैं, मगर 4 बच्चे ही थे। कार्यकर्ता सुबह आईं और केंद्र खोलकर चलीं गईं।
सहायिका बच्चों को पढ़ाती मिली
बांसखेड़ी की दूसरी गली में तीन नंबर की आंगनवाड़ी है। यहां केवल सहायिका मिली और वह बच्चों को पढ़ा रही थी। कार्यकर्ता केंद्र को खोलकर कहीं चली गई। इसी बांसखेड़ी में मंदिर के पास चौथे नंबर की आंगनवाड़ी पर भी एक भी बच्चा नहीं मिला। यहां 20 बच्चे और 25 महिलाओं के नाम दर्ज हैं। बच्चे नजर नहीं आए, भोजन बांट दिया।
केंद्रों का नहीं किया जाता निरीक्षण
आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चे आ रहे हैं या नहीं, इस बारे में निरीक्षण नहीं होता है। पर्यवेक्षक भी केवल ये देखने पहुंचती हैं कि पोषण आहार आया है या नहीं आया। गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इतना ही नहीं बच्चों की संख्या मनमानी डाली जा रही है और बच्चों की उपस्थिति नाममात्र की रहती है। इसके बाद भी विभाग के अफसर यहां पर निरीक्षण नहीं करते। डीपीओ जेएस वर्मा ने बताया, उनके द्वारा ग्रामीण क्षेत्र का दौरा किया जा रहा है।