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अंग्रेजों के जमाने के अस्तबल में रह रहे सरकारी विभागों में पदस्थ कर्मचारियों के परिवार

नारकीय जीवन जीने को मजबूर सिविल लाइनवासीछोटे बच्चे साइकिल से प्रतिदिन ढोते हैं पानीछत पर चढ़ीं हैं वर्षों पुरानी खपरैल और टीनशेडहवा के साथ तेज बारिश होने पर घर हो जाते हैं पानी से लबालब

गुनाJun 26, 2022 / 01:48 am

Narendra Kushwah

अंग्रेजों के जमाने के अस्तबल में रह रहे सरकारी विभागों में पदस्थ कर्मचारियों के परिवार

गुना. शहर के कैंट क्षेत्र में स्थित सिविल लाइनवासी पिछले काफी समय से नारकीय माहौल में रहने को विवश हैं। यहां बने भवनों की हालत बहुत खराब है। जरा सी बारिश होने पर छतों से पानी टपकने लगता है। कई आवासों में पिछले 5 साल से पेयजल व्यवस्था नहीं है। परिवार के छोटे बच्चे साइकिल से प्रतिदिन पानी ढोते हैं। आवासों के आसपास नालियां चौक पड़ी हैं। कचरे का उठाव कई-कई दिनों तक नहीं होता। स्टेट टाइम के बने भवनों की हालत बेहद जर्जर हो चुकी है। जिसका मेंटनेंस नहीं किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक शहर के कैंट क्षेत्र में जो सिविल लाइन आवास हैं, वह अंग्रेजों के जमाने में अस्तबल हुआ करते थे। उनका डिजाइन आज भी उसी हिसाब का बना हुआ है। इन भवनों में इस समय सरकारी विभागों में पदस्थ कर्मचारी परिवार सहित निवास कर रहे हैं। चिंता की बात यह है कि इन आवासों की मरम्मत पिछले कई सालों से नहीं की गई है। इसलिए छत से लेकर दीवार बेहद जर्जर हो चुकी हैं। कुछ आवासों पर मिट्टी की खपरैल चढ़ी हुई, जिसमें से पानी रिसकर अंदर आ जाता है। कुछ परिवारों ने इस परेशानी से बचने बरसाती चढ़ा ली है तो कुछ ने टीनशेड। लेकिन यह इंतजाम भी तेज हवा के साथ हुई बारिश में नहीं बचा पाते। बारिश में एक और समस्या आवासों की निचाई की वजह से आती है। लगातार बारिश होने पर घरों के अंदर पानी भरने लगता है। क्योंकि भवन जमीन लेवल पर ही हैं। वहीं पक्की नालियां भी नहीं बनी हैं। यहां रहने वाले लोगोंं ने ही अपने स्तर पर नालियां खोद ली हैं लेकिन पानी निकासी के उचित इंतजाम न होने से घरों के आसपास ही पानी जमा हो जाता है।

पहले पुराना बिल भरो तब होंगे चालू
सिविल लाइन क्षेत्र में रहने वाले कुछ परिवार पेयजल संकट का सामना कर रहे हैं। पत्रिका टीम दोपहर 1 बजे जब यहां पहुंची तो चार-पांच मासूम बच्चे छोटी साइकिल से पानी ढोते नजर आए। इसका कारण उनके परिवार के सदस्यों से पूछा तो उन्होंने बताया कि सिविल लाइन कैंपस में पास ही बनी टंकी से नल आते हैं लेकिन कुछ घरों में यह सप्लाई पिछले 5 साल से चालू नहीं है। क्योंकि इन आवासों में जो कर्मचारी रहते हैं उनके द्वारा बिल जमा न करने की बात विभाग के अधिकारी बता रहे हंंैं। उनका कहना है कि जब तक पुराना पूरा बिल जमा नहीं होगा तब तक वह नल सप्लाई नहीं दे पाएंगे। वर्तमान में रह रहे परिवार के समक्ष परेशानी यह है कि पुराना काफी बिल है, उसे वह चाहकर भी नहीं भर सकते। इसी मजबूरी के चलते उन्हें यह परेशानी उठानी पड़ रही है। घर के बड़े सदस्य नौकरी पर चले जाते हैं, ऐसे में छोटे बच्चों को ही प्रतिदिन पानी ढोना पड़ रहा है।
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