– सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई संदिग्ध महिला- प्रसूता व अटैंडर को बातों में लगाकर चुरा ले जाती है आभूषण- फुटेज मिलने के बाद पुलिस की पकड़ से बाहर है संदिग्ध
सावधान ! मेटरनिटी विंग में सक्रिय है बाहरी महिला चोर
गुना. सावधान ! जिला अस्पताल के मेटरनिटी विंग मेें बाहरी महिला चोर गिरोह सक्रिय है। जो अब तक कई महिलाओं के आभूषण चोरी की घटनाएं अंजाम दे चुका है। गौर करने वाली बात है कि उक्त संदिग्ध महिलाएं अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में कैद भी हो चुकी हैं।
लेकिन इसके बाद भी पुलिस अब तक संदिग्ध महिलाओं को नहीं पकड़ सकी हैं। यही कारण है आज भी मेटरनिटी विंग में इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। जिससे न सिर्फ मरीज व अटैंडर परेशान हैं बल्कि इन घटनाओं से मेटरनिटी विंग की छवि भी धूमिल हो रही है। वहीं इन घटनाओं को रोकने जिला अस्पताल प्रबंधन ने भी कोई कारगर कदम नहीं उठाए हैं।
अटैेंडर की जुबानी घटना की कहानी नानाखेड़ी निवासी शकुन बाई ने बताया कि बीते रोज वह अपनी बहू की डिलेवरी कराने जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड में आई थी। इसी दौरान एक महिला मेरे पास आई और बोली मैं तुम्हारी बहू को डॉक्टर को दिखवाऊंगी। इसके बाद वह बहू को लेकर पर्दे के पीछे चली गई और उससे बोली महिला डॉक्टर आकर तुम्हारी पूरी जांच करेंगी और इंजेक्शन भी लगाएंगी।
इसलिए तुम अपने सभी गहने और साड़ी उतार लो। महिला के कहने पर बहू ने अपना मंगलसूत्र व साड़ी उतारकर पास में ही रख दी और डॉक्टर के आने का इंतजार करने लगी। कुछ देर बाद बहू ने देखा कि उक्त महिला वहां से गायब है। साड़ी तो रखी है लेकिन मंगल सूत्र गायब है।
इसके बाद बहू ने घटना की पूरी जानकारी अपने परिजनों को दी। इसके बाद पूरी कहानी मेटरनिटी विंग स्टाफ को भी बताई गई। साथ ही लिखित शिकायत कोतवाली में भी दर्ज कराई गई। –
न शिकायत का पता और न फुटेज का… जिला अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक मेटरनिटी विंग में अब तक कई महिलाओं के साथ जेवर चोरी जैसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। इन मामलों में पीडि़तों ने लिखित शिकायत पुलिस को भी की है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि हमने भी सीसीटीवी फुटेज में सामने आई संदिग्ध महिला के फुटेज पुलिस को उपलब्ध कराए हैं।
इस मामले में जब कोतवाली पुलिस से जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि हमारे पास इस तरह के आवेदन बहुत आते हैं। हाल ही में जो मंगल सूत्र चोरी जाने का मामला सामने आया है उसकी जानकारी हमें नहीं हैं। वहीं संदिग्ध महिला का फुटेज किसके पास है यह हमें नहीं पता।
इसलिए नहीं लग पा रही घटनाओं पर रोक जिला अस्पताल सहित मेटरनिटी विंग में लगातार मरीज व अटैंडर के साथ चोरी की घटनाएं सामने आ रही हैं। लेकिन इन पर रोक नहीं लग पा रही है। जबकि इन मामलों को लेकर हाल ही में कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने काफी नाराजगी व्यक्त करते हुए इन पर लगाम लगाने के लिए सीएस को निर्देशित कर चुके हैं। फिर भी इस तरह की घटनाएं नहीं रुक पा रही हैं।
इसकी प्रमुख वजह अस्पताल प्रबंधन का उदासीन व गैर जिम्मेदार रवैया है। कहने को अस्पताल में 50 गार्ड हैं। लेकिन इनसे क्या काम करवाना है यह अब तक अस्पताल प्रबंधन तय नहीं कर पाया है। यही कारण है कि मेटरनिटी विंग जैसे महत्वपूर्ण वार्ड में कोई भी बाहरी व्यक्ति आसानी से आ जा सकता है, उसे रोकने टोकने वाला कोई नहीं है।
इसी का फायदा बाहरी महिला चोर गिरोह उठा रहा है। यह महिलाएं आसानी से मेटरनिटी विंग में प्रवेश करती हैं और मरीज व अटैंडर को भ्रमित कर चोरी की घटनाएं अंजाम दे रही हैं।
पत्रिका व्यू : चतुर्थ श्रेणी स्टाफ को ड्रेस कोड में होना जरूरी
अस्पताल में स्टाफ की पहचान डे्रस कोड होता है लेकिन इसका पालन जिला अस्पताल में नहीं हो रहा है। स्टाफ नर्स के अलावा चतुर्थ श्रेणी स्टाफ, सफाईकर्मी व दायी का भी ड्रेस कोड में होना जरूरी है। ताकि बाहरी व्यक्तियों की पहचान आसानी से हो सके। साथ ही मेटरनिटी विंग के मेन गेट पर एक गार्ड का तैनात होना जरूरी है जो कम से कम अंदर व बाहर जाने वाले लोगों पर नजर रखे तथा संदिग्ध लगने पर पूछताछ करे। मेटरनिटी विंग सहित जिला अस्पताल में मरीज के साथ एक अटेंडर का नियम है लेकिन इसका सख्ती से पालन नहीं हो पा रहा है।