हमारे संवाददाता के अनुसार इन दिनों धरनावदा सहित खिरिया, गोंदलपुर, सनोतिया, गोलाखेड़ी आदि क्षेत्रों में बुखार व मलेरिया के मरीज बड़ी तादाद में हैं, जिन्हें उपचार के लिए राघौगढ़ ब्लॉक मुख्यालय या फिर जिला अस्पताल आना पड़ रहा है। स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं के हाल यह हैं कि आयुर्वेदिक औषधालय पर अधिकांश समय ताला ही लगा रहता है। ऐसे ही हालात उप स्वास्थ्य केंद्र के भी हैं, जहां भी संसाधन और स्टाफ नहीं होने से लोगों को जिला मुख्यालय पर उपचार के लिए जाना पड़ रहा है।
उप स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ कम्पाउंडर को प्रदेश के अन्य जिले से यहां नियुक्त किया गया है। जिन्हें न तो भौगोलिक हालातों की समझ है और न ही उपचार के संसाधन होने की वजह से वह लोगों की मदद कर पा रही हैं। इन दिनों धरनावदा और आसपास के गांवों में सबसे ज्यादा मरीज मलेरिया के हैं।
बारिश का पानी पीने से हो रहे बीमार
धरनावदा के राजेश, विनोद, संजय हरि आदि ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के दौरान कुओं में एकत्रित पानी को ही ग्रामीण पी रहे हैं, जिसकी वजह से बीमारियां बढ़ रही हैं। ग्रामीणों के अनुसार पहले पानी साफ करने की दवाएं मिलती थीं, जो इस साल नहीं मिलने से दूषित पानी पीकर लोग बीमारी का शिकार हो रहे हैं। वहीं गांव में गंदा पानी एकत्रित है, जिसमें मलेरिया और डेंगू का लार्वा एकत्रित हो सकती है। स्वास्थ्य ने अभी तक गांव में हालातों का जायजा नहीं लिया है।
टीम भेजकर परखी जाएगी स्थिति
मेरी जानकारी में नहीं है कि धरनावदा क्षेत्र के गांवों में बुखार या मलेरिया का प्रकोप है। यदि ऐसा है तो मैं राघौगढ़ से टीम भेजकर जांच करवाऊंगा और लापरवाही मिलने पर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-अनिल शुक्ला, तकनीकी परीक्षक मलेरिया, राघौगढ़ ब्लॉक।
मुझे अभी जानकारी मिली है कि संबंधित गांवों में कुछ लोगों का स्वास्थ्य खराब है। कल टीम भेजकर हालात का जायजा लिया जाएगा और उपचार किया जाएगा।
-मुकेश शर्मा, बीएमओ राघौगढ़