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प्रभारियों के भरोसे गुना, स्थायी अधिकारियों की तैनाती नहीं

locationगुनाPublished: Mar 19, 2020 09:28:20 pm

Submitted by:

praveen mishra

चाहें तहसील हो या नगर पालिका, हर जगह बिठाले प्रभारी अधिकारीबगैर पैसे के नहीं हो रहे काम, जनता हो रही परेशानआठ तहसीलों में दो तहसीलदार, बाकी प्रभारी तहसीलदार,कैसे हो राजस्व की वसूली

प्रभारियों के भरोसे गुना, स्थायी अधिकारियों की तैनाती नहीं

प्रभारियों के भरोसे गुना, स्थायी अधिकारियों की तैनाती नहीं

गुना। चाहें गुना तहसील हो या नगर पालिका भवन। यहां पहले से ही कर्मचारियों की कमी चल रही है, इसके चलते तहसीलदारों की बेहद कमी आ गई है।गुना जिले में कहने को आठ तहसील हैं, लेकिन दो तहसीलों में ही केवल तहसीलदार नियुक्त हैं, बाकी तहसील प्रभारी के रूप में नायब तहसीलदार चला रहे हैं। जिसका असर ये है कि राजस्व की वसूली भी नहीं हो पा रही है वहीं तहसीलों में विवादास्पद मामलों की सुनवाई भी तेजी से नहीं हो पा रही है। ऐसा नहीं हैं कि तहसीदार के पद ही खाली पड़े हैं, जिले के आठ-दस विभाग ऐसे हैं जो लंबे समय से प्रभारियों के भरोसे है, जिससे वहां की व्यवस्थाएं सुधरने की बजाय दिनों-दिन बिगड़ती जा रही हैं। जिसका परिणाम ये है कि नगर पालिका में स्थायी सीएमओ के न होने से न तो शहर की साफ-सफाई व्यवस्था सुधर रही है और न संपत्तिकर और जलकर के मामले में टारगेट पूरा भी होता नजर नहीं आ रहा है। इसके साथ ही जनता की सुनवाई भी नहीं हो पा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गुना जिले में आरोन, राघौगढ़, चांचौड़ा, बमौरी, कुंभराज, मकसूदनगढ़, गुना नगरीय, गुना तहसील शामिल हैं। पूर्व में गुना की एक तहसील हुआ करती थी, जहां संदीप श्रीवास्तव तहसीलदार के पद पर कार्यरत थे। सवा साल पूर्व कलेक्टर बनकर आए भास्कर लाक्षाकार ने गुना को गुना और गुना नगरीय तहसील करके दो तहसील बना दी। एक तहसील में संदीप श्रीवास्तव पदस्थ रहे, दूसरी तहसील बगैर तहसीलदार के अभी तक चल रही है। गुना नगरीय तहसील में नायब तहसीलदार और प्रभारी तहसीलदार दोनों का पद संभाले हुए हैं। मजेदार बात ये है कि गुना नगरीय तहसील के नायब तहसीलदार को गुना ग्रामीण की याना सर्किल का भी काम सोनू गुप्ता संभाले हुए हैं। जानकारों के अनुसार उसका चार्ज गुना ग्रामीण के तहसीलदार के पास होना चाहिए।
इसी तरह बमौरी में तहसीलदार न होने से प्रभारी के रूप में नायब तहसीलदार मोहित जैन, कुंभराज में अतुल शर्मा, मधुसूदनगढ़ में नायब तहसीलदार सत्येन्द्र गुर्जर, आरोन में नायब तहसीलदार निर्मल राठौर,राघौगढ़ मेंं नायब तहसीलदार सिद्धार्थ भूषण पदस्थ हैं। यहां कोई भी स्थायी तहसीलदार नियुक्त नहीं हैं। चांचौड़ा में तहसीलदार सुधीर कुशवाह नियुक्त हैं।
ये हाल है नगर पालिका का
गुना नगर पालिका में लंबे समय से सीएमओ की तैनाती नहीं हो पा रही है। कुछ समय पूर्व प्रभारी सीएमओ संजय श्रीवास्तव को तत्कालीन कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है। उनकी जगह कोई नई पदस्थापना नहीं हुई है। तत्कालीन कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने डिप्टी कलेक्टर सोनम जैन को प्रभारी सीएमओ बना दिया है। सोनम के पास डिप्टी कलेक्टर के अलावा प्रभारी परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण में है, इसके अलावा नगर पालिका में न तो स्थायी इंजीनियर हैं और न ही दूसरे पदों पर कोई स्थायी अधिकारी। सोनम जैन ने प्रभारी सीएमओ बनने के बाद वहां की व्यवस्थाएं सुधारने का प्रयास किया, जिसमें वे सफल होते नजर नहीं आ रही हैं। उनके आदेश के बाद न तो वार्ड में विकास कार्य हो पा रहे हैं और न ही कर्मचारी समय पर आ रहे हैं। जिले के दूसरे विभाग भी देखे जाएं तो उनमें भी अधिकतर कुर्सियां प्रभारी अधिकारी ही संभाले हुए हैं।
जिले में ये भी हैं प्रभारी अधिकारी
खनिज विभाग- प्रभारी अधिकारी मुमताज खान
पीजी कॉलेज- प्रभारी प्राचार्य बीके तिवारी
जिला शिक्षा केन्द्र- प्रभारी अधिकारी विशाखा देशमुख
जिला रोजगार अधिकारी- प्रभारी अधिकारी बीएस मीना
जिला पेंशन अधिकारी- प्रभारी डीके जैन
फर्जी प्रमाण पत्र के पकड़े जाने के बाद तहसील में दिखी सूनसान, चेहरा छुपाते नजर आए दलाल
पत्रिका ने तहसील में एक हजार रुपए देकर फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का खुलासा किया था, बीते रोज ही एसडीएम की पकड़ में एक फर्जी जाति प्रमाण पत्र आया था, जिसको बनाने वाले युवक प्रदीप ठाकुर को कोतवाली पुलिस के हवाले कराया था। वहीं फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में एसडीएम शिवानी रायकवार ने एक प्रतिवेदन तैयार किया है, जिसके आधार पर कोतवाली पुलिस कार्रवाई करेगी।
गुरुवार को गुना तहसील में पत्रिका टीम पहुंची तो उसको वहां रोजाना की भांति बहुत कम लोग नजर आए। इसी बीच गुना तहसील के पीछे दस-बारह लोग कुर्सी-टेबिल डाले नजर आए, इनमें से दो-तीन को छोड़कर किसी के पास बैठने तक की अनुमति नहीं थी। यहां बैठे जाति प्रमाण पत्र बनाने वाले से पूछा गया तो उसका कहना था कि अनुमति किसकी चाहिए, सैटिंग से सब काम चल रहा है। उसने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तहसील के एक बाबू और निजी रखे गए दो-तीन कर्मचारी और फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने वाले लोगों का एक गिरोह बन गया है, जो लंबे समय से फर्जी प्रमाण पत्र मनमाने पैसे लेकर बनवा रहा है। जिसकी खबर अधिकारियों को है, लेकिन वे उनको पकडऩे से बचते रहे हैं। उससे जब फीस पूछी गई तो उसका कहना था कि जैसा आवेदक, वैसी फीस, यह पांच हजार रुपए तक वसूली जाती है। इसी बीच दो-तीन दलाल दिखे, इनको कैमरे में कैद करना चाहा तो वे मुंह छुपाते दिखाई दिए।
लोक सेवा केन्द्र में भी दिखी भीड़ कम
उधर तहसील में स्थित लोक सेवा केन्द्र में भी भीड़ कम दिखी।जबकि प्रतिदिन काफी लोग वहां अलग-अलग काम से आते हैं।
एक तहसीलदार कलेक्ट्रेट में अटैच
गुना जिले में कहने को एक तहसीलदार लीना जैन नियुक्त हैं,फील्ड में नायब तहसीलदार और तहसीलदार की वित्तीय वर्ष की समाप्ति में राजस्व वसूली को देखते हुए जरूरत है, लेकिन उनको कुछ समय पूर्व कलेक्ट्रेट में अटैच कर दिया था। इस संबंध में जब संबंधित अधिकारी से पूछा गया तो उनका मोबाइल रिसीव नहीं हुआ।
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